राजस्थान विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान बुधवार (10 सितंबर) को जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस के विधायक नारेबाजी कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आक्रामक अंदाज में कहा कि विपक्ष उनकी आवाज नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि पहले भी कांग्रेस उन्हें नहीं रोक पाई थी और अब भी नहीं रोक पाएगी। मुख्यमंत्री की कड़ी टिप्पणी के बाद कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी बंद कर दी और सदन से वॉक आउट कर गए। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और उन्हें सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास करार दिया।
बाढ़ पीड़ितों पर विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सदन में कहा कि राजस्थान में भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है, लेकिन कांग्रेस का कोई भी विधायक जनता के बीच जाकर मदद नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल खबरों में बने रहने के लिए ऐसे आंदोलन कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है और जनता से धोखा दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सत्र जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए है, लेकिन विपक्ष केवल शोर मचाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहता है, जिससे राज्य की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
‘मेरी आवाज नहीं रोक पाएंगे’
भजनलाल शर्मा ने विपक्ष को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी आवाज को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि पहले भी कांग्रेस उन्हें नहीं रोक पाई थी और अब भी नहीं रोक सकेगी। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष जानबूझकर सदन में व्यवधान डाल रहा है और मर्यादा का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और विपक्ष का असली चेहरा उजागर हो चुका है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में जनता की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन विपक्ष का ध्यान केवल हंगामा करने और मीडिया में बने रहने पर केंद्रित है।
हंगामे से लेकर वॉक आउट तक
बुधवार को सुबह से ही विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधायक आवास से लेकर मुख्य गेट तक प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि सदन में सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जा रही है। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, उसी मुद्दे पर नारेबाजी फिर शुरू हो गई। मुख्यमंत्री के कड़े बयान के बाद कांग्रेस ने हंगामा बंद कर वॉक आउट कर दिया। विपक्ष ने सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री ने इसे केवल राजनीति का खेल करार दिया। जनता सब देख रही है।





