राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र इस बार बेहद गरम माहौल में चल रहा है। सरकार जहां लगातार विधेयक पारित कर रही है, वहीं विपक्ष किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर हमलावर है। बुधवार को सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने विधानसभा गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्ष का कहना था कि भारी बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उन्हें कोई राहत नहीं दी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली खुद ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा पहुंचे और किसानों की स्थिति को गंभीर बताते हुए सरकार पर निशाना साधा। विपक्ष के इस आंदोलन ने सत्र का राजनीतिक तापमान और भी बढ़ा दिया।
विपक्ष का किसानों के मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन
सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष ने किसानों की खराब हालत का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। विपक्षी विधायक हाथों में खराब फसलें और बैनर लेकर विधानसभा पहुंचे। उनका आरोप था कि सरकार ने अब तक बारिश से प्रभावित किसानों को कोई राहत राशि नहीं दी। गेट पर सुरक्षा कर्मियों ने विपक्षी विधायकों को रोका, जिससे नोकझोंक भी हुई। विपक्ष का कहना था कि वे ट्रैक्टर और प्रतीकात्मक प्रदर्शन के जरिए किसानों की आवाज सदन तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोककर किसानों की पीड़ा को दबाने की कोशिश की गई।
ट्रैक्टर पर विधानसभा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली इस प्रदर्शन में खास अंदाज में नजर आए। वे खुद ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा के वेस्टर्न गेट तक पहुंचे। उनके साथ मुख्य सचेतक रफीक खान और अन्य विधायक भी शामिल थे। जूली ने कहा कि किसानों की हालत बहुत खराब है। भारी बारिश से न केवल फसलें, बल्कि लोगों की जान-माल का भी नुकसान हुआ है। सरकार को तुरंत राहत राशि जारी करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसानों को समय पर आर्थिक मदद नहीं मिली तो उनकी जिंदगी और मुश्किल हो जाएगी।
सरकार का जवाब और विपक्ष का आरोप
विधानसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि प्रभावित जिलों का आकलन किया जा रहा है। जल्द ही नुकसान की भरपाई और राहत पैकेज का ऐलान किया जाएगा। हालांकि विपक्ष का आरोप था कि सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है, लेकिन किसानों तक वास्तविक मदद नहीं पहुंच पा रही। विपक्ष ने इसे लापरवाही बताया और कहा कि यदि सरकार तुरंत कार्रवाई नहीं करती तो किसान गंभीर आर्थिक संकट में फंस जाएंगे।
किसानों के मुद्दे ने बढ़ाया राजनीतिक तापमान
कुल मिलाकर मानसून सत्र में किसानों का मुद्दा सबसे बड़ा विषय बन गया है। विपक्ष ट्रैक्टर, बैनर और खराब फसलें लेकर सड़क से सदन तक सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। वहीं सरकार का कहना है कि नुकसान का सही आंकलन होने के बाद ही राहत राशि दी जाएगी। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में भी यह मुद्दा राजनीतिक हलचल पैदा करेगा और किसानों की स्थिति पर राजनीति और गरमाएगी।





