जयपुर। राजस्थान सरकार आगामी विधानसभा सत्र में राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 का अधिक कड़ा संस्करण पेश करने जा रही है। इसका उद्देश्य बलपूर्वक, धोखाधड़ी या छलपूर्ण तरीकों से किए जाने वाले धर्मांतरण को रोकना है। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा और विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राज्य में अभी तक ऐसा कोई विशेष कानून नहीं था, जिससे अवैध धर्मांतरण पर प्रभावी रोक लग सके। कैबिनेट ने रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस विधेयक के नए मसौदे को मंजूरी दी।
पुराने मसौदे को वापस लेकर नया बिल
सरकार ने निर्णय लिया है कि पिछले सत्र में पेश पुराने विधेयक को वापस ले लिया जाएगा और इसकी जगह कड़े प्रावधानों वाला नया बिल लाया जाएगा। विधि मंत्री पटेल ने कहा कि नया मसौदा किसी भी व्यक्ति या संगठन को छल, बल या कपटपूर्ण तरीके से धर्मांतरण कराने से रोकने पर केंद्रित है। इसमें यह भी प्रावधान है कि केवल धर्मांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह अमान्य माने जाएंगे।
सख्त सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान
नए विधेयक के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
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सामान्य मामलों में 7–14 साल की कैद और न्यूनतम ₹5 लाख जुर्माना।
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नाबालिग, महिला, विकलांग और एससी/एसटी मामलों में 10–20 साल की कैद और ₹10 लाख जुर्माना।
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सामूहिक धर्मांतरण पर 20 साल से आजीवन कारावास और ₹25 लाख जुर्माना।
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विदेशी या अनधिकृत धन से धर्मांतरण पर 10–20 साल की कैद और ₹20 लाख जुर्माना।
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जबरदस्ती या मानव तस्करी से जुड़े मामलों में 20 साल से आजीवन कारावास और ₹30 लाख जुर्माना।
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बार-बार अपराध करने पर आजीवन कारावास और ₹50 लाख जुर्माना।
अवैध धर्मांतरण में प्रयुक्त संपत्तियों को जब्त या ध्वस्त करने और संस्थानों का पंजीकरण रद्द करने का भी प्रावधान है।
सौर ऊर्जा और मुफ्त बिजली योजना को हरी झंडी
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना को भी मंजूरी दी। इसके तहत मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना में पंजीकृत 27 लाख परिवारों को 1.1 किलोवाट रूफटॉप सोलर पैनल मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्र सरकार ₹33,000 और राज्य सरकार ₹17,000 की सब्सिडी देगी। योजना से 1.04 करोड़ परिवारों को लाभ और 3,000 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त होगी।
शिक्षा व शहरी विकास में भी फैसले
राजस्थान कॉलेज शिक्षा समिति के तहत 374 महाविद्यालयों में संविदा आधार पर 4,724 शिक्षण एवं गैर-शिक्षण पदों पर भर्ती होगी। इसके अलावा, सीवरेज और अपशिष्ट जल नीति 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिससे सभी शहरी क्षेत्रों में व्यवस्थित सीवरेज प्रणाली विकसित की जाएगी और स्वच्छ भारत मिशन को गति मिलेगी।





