राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. इस बैठक में उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि राज्य में जितने भी सरकारी भवन क्षतिग्रस्त या जर्जर हालत में हैं, उनकी जिलेवार रिपोर्ट तुरंत तैयार की जाए. उन्होंने कहा कि मरम्मत का काम बिना किसी देरी के शुरू होना चाहिए और इसके लिए आपदा प्रबंधन कोष का उपयोग किया जा सकता है. सीएम ने स्पष्ट कर दिया कि मरम्मत कार्यों में समय की कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए.
हालिया हादसों ने बढ़ाई चिंता
मुख्यमंत्री का यह निर्देश हाल में हुए दो बड़े हादसों के बाद आया है. 25 जुलाई को झालावाड़ जिले के एक सरकारी स्कूल की इमारत का हिस्सा गिर गया था, जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई और 28 बच्चे घायल हो गए. इसके सिर्फ तीन दिन बाद, 28 जुलाई को जैसलमेर जिले में एक स्कूल के मुख्य द्वार का खंभा गिर गया, जिसमें एक 6 साल के छात्र की जान चली गई और एक शिक्षक घायल हो गया. इन घटनाओं ने सरकारी भवनों की सुरक्षा और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
6 सालों में बने भवनों की जांच और जिम्मेदारी तय होगी
बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आदेश दिया कि पिछले 6 वर्षों में बने सभी सरकारी भवनों, खासकर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की निर्माण गुणवत्ता की विशेष जांच की जाए. इसके लिए राज्य स्तर पर एक विशेष समिति बनाई जाएगी. ग्रामीण क्षेत्रों में बने भवनों पर खास ध्यान देने और जहां भी खतरे की आशंका हो, वहां तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए. सीएम ने यह भी कहा कि अगर किसी भवन के गिरने या खराब हालत के चलते जनहानि होती है, तो उसकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
आंगनबाड़ी और अन्य सार्वजनिक भवनों की मरम्मत के लिए विशेष प्रावधान
राज्य सरकार ने 2025-26 के बजट में 5,000 आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों को असुरक्षित भवनों में चलाया जा रहा था, उन्हें पहले ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है और इनकी अनिवार्य जांच भी की जाएगी. लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को जिम्मेदारी दी गई है कि वे सभी स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक भवनों की विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार को सौंपें. बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.





