निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी पर सख्ती, तय शुल्क से अधिक वसूली पर कॉलेज की संबद्धता होगी रद्द

राजस्थान सरकार ने राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस वसूली पर सख्त रुख अपनाया है। सरकार का यह कदम कुछ कॉलेजों में मनमानी फीस वसूली की शिकायतों के बाद उठाया गया है।

राजस्थान सरकार ने राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस वसूली पर सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को जारी आदेश में सभी निजी मेडिकल कॉलेजों को शुल्क संरचना के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का यह कदम कुछ कॉलेजों में मनमानी फीस वसूली की शिकायतों के बाद उठाया गया है। आदेश सुप्रीम कोर्ट के इस्लामिक एकेडमी ऑफ एजुकेशन बनाम कर्नाटक राज्य मामले में दिए गए निर्णय की अनुपालना में जारी किया गया है।

राजस्थान सरकार का सख्त रुख

सरकार के आदेश में कहा गया है कि सभी निजी शैक्षणिक संस्थानों के लिए राज्य स्तरीय शुल्क निर्धारण समिति द्वारा तय की गई फीस संरचना को लागू करना अनिवार्य होगा। कोई भी संस्था समिति द्वारा अनुमोदित राशि से अधिक शुल्क नहीं वसूल सकेगी। यदि किसी छात्र से अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है, तो उसे 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित वापस करना होगा।

आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई कॉलेज नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसकी संबद्धता राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) और मेडिसिन एंड मेडिकल यूनिवर्सिटी (MMU) से समाप्त की जा सकती है। साथ ही, अतिरिक्त शुल्क कॉलेज की संपत्तियों से वसूला जाएगा और प्रभावित छात्रों को अन्य कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाएगा। ऐसे कॉलेजों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी।

अब नहीं चलेगी मनमानी

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश विशेष रूप से उन मामलों पर लागू होगा, जहां कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों ने यूजी काउंसलिंग बोर्ड की वेबसाइट पर 15 प्रतिशत सीटों को ‘मैनेजमेंट सीट’ बताकर अधिक शुल्क दिखाया है। सरकार का कहना है कि यह न केवल नियामक समिति के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की भी अवहेलना है, जिसमें शिक्षा को लाभ का माध्यम बनाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार ने कहा कि कई संस्थाओं के खिलाफ निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली की शिकायतें मिली थीं। कुछ कॉलेज शिक्षा को व्यवसाय बनाकर छात्रों का शोषण कर रहे थे। अब सभी निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल समिति द्वारा तय की गई फीस ही वसूलें। ऐसा न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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