केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह 17 जुलाई को जयपुर दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वे राजस्थान में आयोजित सहकार सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है। इसी कड़ी में राजस्थान में सहकारिता को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी 54 गतिविधियों को राज्यों को सौंपा है, जिनमें यह आयोजन भी अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने पहले ही दिया था न्यौता
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 29 मई को दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें इस आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया था। मुलाकात के दौरान सीएम ने राज्य में चल रही सहकारी योजनाओं की जानकारी दी, जिनमें पैक्स का कम्प्यूटरीकरण, ‘म्हारो खातो म्हारो बैंक’, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना और ‘सहकार से समृद्धि’ अभियान शामिल हैं। यह सम्मेलन राज्य में सहकारिता क्षेत्र की योजनाओं को और प्रभावी बनाने का एक मौका माना जा रहा है।
संगठन पर भी हो सकती है अहम चर्चा
अमित शाह के इस दौरे का एक दूसरा पहलू भाजपा संगठन से जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि वे प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। राठौड़ को प्रदेशाध्यक्ष बने साढ़े चार महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक नई कार्यकारिणी की घोषणा नहीं हुई है। राठौड़ ने कार्यकारिणी के लिए नामों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है, जिसकी स्वीकृति अभी लंबित है। ऐसे में शाह के दौरे के दौरान इस मसले पर चर्चा होना तय माना जा रहा है।
मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम जल्द होगा जारी
हालांकि अमित शाह के दौरे का पूरा मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम अब तक जारी नहीं किया गया है, लेकिन यह साफ है कि यह दौरा राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही लिहाज से काफी अहम रहने वाला है। सहकार सम्मेलन के माध्यम से जहां सहकारी संस्थाओं को नया बल मिलेगा, वहीं भाजपा के संगठनात्मक मसलों पर भी गति आने की उम्मीद है।





