राजस्थान सरकार ने राज्य के समग्र विकास के लिए बड़ा खाका तैयार किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में सरकार ने ‘विकसित राजस्थान@2047’ दृष्टिकोण पत्र जारी किया है। यह दस्तावेज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस लक्ष्य से प्रेरित है, जिसमें वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह विजन डॉक्यूमेंट राजस्थान को कृषि, उद्योग, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे चार स्तंभों पर आधारित 4,300 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय करता है।
‘विकसित राजस्थान@2047’ विजन डॉक्यूमेंट
आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री शर्मा के नेतृत्व में तैयार यह दस्तावेज राज्य की विकास यात्रा को नई दिशा देगा। इसमें स्पष्ट किया गया है कि राजस्थान का यह विजन, विकसित भारत@2047 की आकांक्षाओं के अनुरूप है। अगस्त में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस दस्तावेज को मंजूरी दी गई थी। अब सरकार इस रोडमैप के आधार पर योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से लागू करने जा रही है ताकि राज्य हर क्षेत्र में संतुलित प्रगति कर सके।

विजन डॉक्यूमेंट में युवा, महिला, किसान और गरीब को विकास के केंद्र में रखा गया है। सरकार का मानना है कि जब समाज का हर वर्ग सशक्त होगा, तभी राज्य का सर्वांगीण विकास संभव है। इसलिए दस्तावेज में साक्षरता, स्वास्थ्य, जल प्रबंधन, शहरीकरण, पर्यावरण संरक्षण और सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक राजस्थान में विकसित देशों जैसी सुविधाएं और बुनियादी ढांचा तैयार हो सके।
लक्ष्य को हासिल करने के लिए तीन चरण
राज्य सरकार ने इस दीर्घकालिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए तीन मध्यावधि चरण भी तय किए हैं — वर्ष 2030, 2035 और 2040। इन वर्षों में तय लक्ष्यों के माध्यम से धीरे-धीरे विकास की रूपरेखा पूरी की जाएगी। विजन डॉक्यूमेंट को चार प्रमुख थीम और 13 क्षेत्रों में बांटा गया है, ताकि हर सेक्टर में योजनाबद्ध तरीके से निवेश और सुधार किया जा सके।
सरकार का कहना है कि यह दृष्टिकोण पत्र न केवल राजस्थान की भावी नीतियों की दिशा तय करेगा बल्कि निवेश, रोजगार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी नए अवसर खोलेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य की प्रत्येक नीति इस विजन डॉक्यूमेंट की भावना के अनुरूप होगी, ताकि आने वाले दो दशकों में राजस्थान को भारत के अग्रणी राज्यों में शुमार कराया जा सके।










