राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व ने पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपनी पुरानी बुकिंग वेबसाइट को बंद कर दिया है और नई वेबसाइट (forestrajasthan.com) लॉन्च की गई है। इस वेबसाइट के जरिए अब पर्यटकों के लिए सफारी बुकिंग की प्रक्रिया ज्यादा सरल और व्यवस्थित होगी। इस संबंध में रणथंभौर के मुख्य वनसंरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक अनूप के.आर. ने आदेश जारी किए हैं।
नई वेबसाइट में क्या है खास?
नवीन वेबसाइट पर ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया को ज्यादा सुरक्षित और आसान बनाया गया है। अब टिकट कैंसिलेशन और रिफंड भी सहज तरीके से हो सकेगा। पहले जहां किसी एक ग्रुप सदस्य की आईडी से बुकिंग हो जाती थी, अब सभी सदस्यों की ID अपलोड करना जरूरी होगा। नई व्यवस्था में SSO ID की आवश्यकता नहीं होगी, और अब सभी यात्रियों का पूरा ID नंबर अपलोड करना होगा, जबकि पहले आधार के आखिरी चार अंक ही अपलोड किए जाते थे।
राजस्थान का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
रणथंभौर राजस्थान का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है और इसे बाघों की ‘नर्सरी’ भी कहा जाता है। यहां भोजन, पानी और घास के मैदानों की पर्याप्त उपलब्धता के कारण बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में राजस्थान में बाघों की कुल संख्या 150 से अधिक है, जिनमें से 80 से ज्यादा बाघ सिर्फ रणथंभौर में हैं। यही कारण है कि यह रिजर्व राज्य के अन्य टाइगर प्रोजेक्ट्स को भी बाघ उपलब्ध कराता है।
श्रद्धालुओं के लिए फिर खुला त्रिनेत्र गणेश मंदिर का मार्ग
वन विभाग ने रणथंभौर के बीच से होकर गुजरने वाले त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है। अब लोग रणथंभौर दुर्ग में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन के लिए जा सकेंगे। हालांकि, इस दौरान कुछ नियम और दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, ताकि वन्यजीवों और पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।





