राजस्थान के सीकर जिले में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्रसंघ चुनाव दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय परिसर में एकत्र हुए और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के पुतले भी जलाए।
छात्रसंघ चुनाव लोकतंत्र की पहली सीढ़ी
एबीवीपी इकाई अध्यक्ष विकास गुर्जर ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव विश्वविद्यालयों में लोकतंत्र की पहली पाठशाला है, जिससे युवा नेतृत्व तैयार होता है। उन्होंने चुनाव को बंद किए जाने को छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बताया। जिला संयोजक दीपिका भारद्वाज ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव बंद कर छात्रों से नेतृत्व का अवसर छीना गया है। यह न सिर्फ विश्वविद्यालय स्तर पर नुकसानदायक है, बल्कि देश की राजनीति को भी कमजोर करता है।
पूर्व सरकार पर गंभीर आरोप
प्रांत मंत्री अभिनव सिंह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 12 अगस्त 2023 को आंतरिक गुटबाजी के चलते छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगा दी गई थी। यह कदम छात्रों के अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने विश्वविद्यालयों में आपातकाल जैसी स्थिति बना दी थी और अब सोशल मीडिया पर चुनाव की बातें करके छात्रों को भ्रमित कर रही है।
छात्रों की भागीदारी और समर्थन
प्रदर्शन में विभाग संयोजक उत्तम चौधरी, अभिषेक पाचार, सतेंद्र योगी, अभय प्रताप सिंह, नितेश शर्मा, राजाराम घील, रेणुका, योगिता सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने एकजुट होकर छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग की। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि छात्र राजनीति युवाओं की आवाज़ है और उसे बंद करना लोकतंत्र को कुचलने जैसा है।
सरकार को दी चेतावनी
एबीवीपी इकाई मंत्री रमेश भींचर ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र ही छात्रसंघ चुनाव बहाल नहीं किए गए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार से अपील की कि वे छात्रों की आवाज को गंभीरता से लें और लोकतंत्र की इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को पुनः शुरू करें।





