राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 15 अगस्त को जोधपुर में होने वाले राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस आयोजन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं। नगर निगम और पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में है।
कार्यक्रम के दौरान शहर के मुख्य मार्गों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है, खासकर मेडिकल कॉलेज चौराहा से लेकर 12वीं रोड स्टेडियम तक के इलाके में। इस क्षेत्र में किसी भी तरह की भीड़ या अस्थाई निर्माण को हटाया जा रहा है।
बाबा रामदेव मेले में भंडारों पर रोक से नाराजगी
हर साल भादवा महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा रामदेव जी के दर्शन के लिए जोधपुर से रामदेवरा के लिए यात्रा शुरू करते हैं। उनकी सेवा के लिए रास्ते में जगह-जगह भंडारे और मेडिकल कैंप लगाए जाते हैं। इस बार भी सेवा भाव से कई संगठनों ने टेंट लगाकर तैयारियां शुरू कर दी थीं, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए टेंट और सेवा शिविर हटवा दिए सेवादारों में नाराज़गी देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि वे पिछले 15 वर्षों से यही सेवा दे रहे हैं, लेकिन पहली बार उन्हें रोका गया है।
सेवाभावी संगठनों की पीड़ा – “श्रद्धालुओं की सेवा भी जरूरी”
भंडारा संचालक संगठनों का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस का आयोजन जरूर जरूरी है, लेकिन श्रद्धालुओं की सेवा में इस तरह की बाधा उचित नहीं है।
उनका कहना है कि अगर प्रशासन चाहता, तो दोनो आयोजन साथ-साथ चल सकते थे। उन्होंने सुझाव दिया कि सुरक्षा बनाए रखते हुए सेवा कार्यों को अलग स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता था।
सेवाभाव से जुड़े इन संगठनों की यह भी मांग है कि भविष्य में इस तरह की स्थिति न आए, इसके लिए प्रशासन को पूर्व योजना बनानी चाहिए।
प्रशासन की सफाई – “CM की सुरक्षा सर्वोपरि”
इस पूरे विवाद पर प्रशासन ने साफ कहा है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा प्राथमिकता है। चूंकि मुख्य कार्यक्रम इसी इलाके में होना है, इसलिए वहां कोई अस्थाई निर्माण या भीड़ जमा न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा कारणों से भंडारे हटवाने पड़े और 15 अगस्त तक ही यह रोक लागू रहेगी। उसके बाद सेवा शिविर फिर से लगाए जा सकते हैं।





