राजस्थान में मानसून अब राहत के बजाय मुसीबत बनता जा रहा है। हाड़ौती और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। भारी बारिश के चलते कॉलोनियां डूब गई हैं, ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं और सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात ठप हो गया है। लगभग 10 हजार लोग अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं।
12 लोगों की जान गई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार बारिश के कारण अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। कोटा में पिकनिक मनाने गए छह लोग चंबल नदी में बह गए। वहीं, चित्तौड़गढ़ में चार, प्रतापगढ़ में तीन, चूरू में दो, कोटा, पाली और भरतपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। कोटा और पाली जिलों में हालात देखते हुए प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।
चंबल का उफान और डूबती कॉलोनियां
कोटा संभाग में चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कई कॉलोनियों में पानी घरों के अंदर घुस चुका है। एक छात्रा की स्कूटी सहित नाले में बहने से मौत हो गई, जिससे लोगों में डर का माहौल है। कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है।
आवाजाही बाधित
मध्यप्रदेश से राजस्थान की ओर आने-जाने वाले कई मार्ग बंद हो गए हैं। स्कूल, अस्पताल और सार्वजनिक दफ्तरों में पानी भर गया है, जिससे जरूरी सेवाएं भी बाधित हो गई हैं। मौसम विभाग ने कोटा, जयपुर, अजमेर और उदयपुर संभाग में आगामी दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी भी दी गई है।
राहत कार्य जारी लेकिन मुश्किलें बरकरार
राज्य सरकार और जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, लेकिन लगातार बारिश और जलभराव के कारण इन प्रयासों में बाधा आ रही है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि लोग सतर्क रहें और अनावश्यक बाहर न निकलें।





