रतलाम। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनैतिक हलचल दिनों दिन तेज होती जा रही है।बीजेपी ने 28 और कांग्रेस ने सभी 29 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए है, वही इंदौर को बीजेपी ने अब भी होल्ड पर रखा हुआ है। इसी बीच विधानसभा में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाले जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) ने लोकसभा से पहले फिर मुश्किलें खड़ी कर दी है। टिकट ना मिलने से नाराज जयस ने रतलाम लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार उतार दिया है। जयस की इस बगावत के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।इधर, बीजेपी से जीएस डामोर मैदान में है जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के बेटे को विधानसभा में हराया था और अब उनसे से सीधा मुकाबला करने वाले है। जयस के मैदान में उतरने कांग्रेस के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है।खैर जीत किसकी होगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
दरअसल, जयस ने कांग्रेस से लोकसभा चुनाव में बैतूल, रतलाम- झाबुआ, धार और खरगोन (छह एसटी सीटों में से चार) पर अपने उम्मीदवार उतारने की मांग की थी। लेकिन कांग्रेस ने इस मांग को नजरअंदाज कर दिया। जिसके बाद जयस ने बीजेपी की तरफ रुख किया लेकिन वहां भी ज्यादा तवज्जों नही मिली, जिसके बाद जयस ने खुद ही मैदा मे उतरने की ठानी और उम्मीदवारों को मैदान में उतारना शुरु कर दिया है। फिलहाल जयस की तरफ से रतलाम-झाबुआ सीट से डॉक्टर अभय ओहरी को प्रत्याशी बनाया है।वही खरगोन से डॉ. रक्षा मुजाल्दा, धार से भगवान सिंह और बैतूल से डॉ. रुपेश पद्माकर को संगठन का प्रत्याशी बनाए जाने की तैयारी है।हालांकि अभी नाम का औपचारिक ऐलान होना बाकी है,उम्मीद की जा रही है इनके भी नाम का जल्द ऐलान किया जाएगा।
जयस के रतलाम से प्रत्याशी उतारे जाने से बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली है। कांग्रेस ने यहां से कांतिलाल भूरिया तो बीजेपी ने जीएस डामोर को उम्मीदवार बनाया है।जयस के मैदान में उतरने से आदिवासी वोटो का जमकर बिखराव होगा। जिसका फायदा बीजेपी को मिलने की संभावना है। चुंकी डामोर वर्तमान में बीजेपी से विधायक भी है।
बीजेपी को मिल सकता है फायदा
खास बात तो ये है जयस का इसका नेतृत्व पूर्व में एम्स नई दिल्ली में काम कर चुके डॉ हीरालाल अलावा करते हैं। वह हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से धार जिले की मनावर सीट से जीते हैं। उन्होंंने बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री रंजनी बघेल को हराया था। सूत्रों के मुताबिक 2018 के विधानसभा चुनावों में, JAYS ने धार, रतलाम, बड़वानी, खरगोन, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों की लगभग आठ सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित की थी। कांग्रेस को जीत मिलने के पीछे जयस का बड़ा हाथ था। लेकिन अब खुद जयस के मैदान में उतरने से इन सीटों पर कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। जिसका फायदा कही ना कही बीजेपी को मिल सकता है।