रतलाम| सुशील खरे। वीर सावरकर के चित्र छपी काफी ओके वितरण के बाद निलंबित प्राचार्य आरएन केरावत के समर्थन में प्रदेश सहित रतलाम भाजपा के सभी विधायक एवं पदाधिकारी खड़े हो गए थे तथा उनके द्वारा निलंबन पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया गया था तो वही स्कूल के छात्र छात्राओं के द्वारा भी प्राचार्य के पक्ष में धरना भूख हड़ताल आदि आंदोलन किए गए | जिसे विधायक दिलीप मकवाना ने खत्म कराया था, लेकिन कल सुबह के घटनाक्रम के बाद अचानक समस्त कायदे नियमों को को ताक पर रख कर आरएन केरावत यू टर्न लेते हुए दिखे तथा एक बार पुनः नियम तोड़कर सरकारी कर्मचारी होने के बाद भी जिला पंचायत कार्यालय में जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ के कक्ष में देर शाम 7 .30 बजे पहुंचे तथा वहां पर उनके द्वारा सरकारी कार्यालय में एक पार्टी विशेष के लोगों के सामने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया गया तथा उनके द्वारा सफाई पेश की गई की जो वीर सावरकर की कापियां बांटी गई थी उस समय वह अकाउंट का काम कर रहे थे तथा वहां की शिक्षिका के द्वारा उन्हें सूचित किया गया था कि कुछ एनजीओ वाले कापियां बांटने आ रहे हैं ।
उसके बाद उन्होंने अनुमति दे दी बाद में जब उन्होंने देखा कि सावरकर के चित्र वाली कापियां बांटी गई है तो उनका कहना है कि उन्होंने तत्काल उनको कॉपियों से हटवा दिया था जबकि इसके पूर्व बयान में केरावत ऐसा कोई बयान नहीं दिया था निलंबन के पश्चात लगातार सुर्खियों में आने के पश्चात अब जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ के कक्ष में जाकर तथा जिला पंचायत के सरकारी भवन में कायदे नियमों को ताक पर रखकर प्राचार्य पुनः सुर्खियों में है ।