भारत में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान है, जहां देश ही नहीं बल्कि विश्व भर के पर्यटक पहुंचते हैं। उत्तर से लेकर दक्षिण तक… पूर्व से लेकर पश्चिम तक… हर गली मोहल्ले में एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल है। यहां की मान्यताएं अलग-अलग है और सभी का इतिहास भी काफी पुराना व रोचक रहा है। आज हम आपको अहमदाबाद में स्थित हुथीसिंग जैन मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां की सुंदर कलाकृतियां देखकर लोग मोहित हो जाते हैं।
इस मंदिर का नाम से हुथीसिंग जैन मंदिर के नाम पर रखा गया, जो एक प्रसिद्ध जैन व्यापारी थे। 19वीं सदी के मध्य में वह अहमदाबाद के धनी व्यापारी परिवार में से थे।

इतिहास है रोचक
मंदिर का इतिहास काफी ज्यादा रोचक है, जो कि 177 साल पुराना माना जाता है। गुजरात के अहमदाबाद में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर में सुंदर मूर्तियां लोगों को आकर्षित करती है। इस मंदिर का निर्माण हुथीसिंग ने कराया था, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी हरकुंवर ने मंदिर का निर्माण पूरा कराया। इसलिए मंदिर का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया। यह मंदिर श्वेतांबर जैन संप्रदाय के 15वें तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ स्वामी को समर्पित है।
इतनी आई लागत
इस मंदिर को बनवाने में 10 लाख रुपए की लागत आई थी, जो कि उस समय की बड़ी रकम मानी जाती है। निर्माण कार्य 1848 में पूरा हुआ था। इस मंदिर में आपको गुजरात की पारंपरिक शैली देखने को मिलेगी। यहां मारु-गुर्जर मंदिर स्थापत्य शैली और हवेली के नए स्थापत्य तत्वों का मिश्रण है। इस मंदिर के मुख्य मंडप में नक्काशी स्तंभ, दीवार, मंच और जालीदार संरचना है, जो कि देखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर लगता है।
प्रतिदिन होता है आरती
वर्तमान की बात करें, तो यहां हर दिन आरती, पूजा और धार्मिक समारोह का आयोजन किया जाता है। यह अहमदाबाद के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यदि आपको कभी यहां जाने का मौका मिले, तो आप अवश्य मंदिर जाएं। यहां आपको शांति का अनुभव प्राप्त होगा।