धर्म, डेस्क रिपोर्ट। कहते हैं यदि मन में सच्ची आस्था हो तो बड़ी से बड़ी कठिनाई भी चुटकियों में खत्म हो जाती है। जहां आस्था होती है वहां चमत्कार की गुंजाइश भी होती ही है। कभी पत्थर की मूर्ति दूध पीने लगती है तो कहीं भगवान की आंखों में से आंसू आने लगते हैं तो कहीं पानी के दीये में लौ जलने लगती है।
कहां स्थित है यह मंदिर
जी हां..आपने सही पढ़ा। पानी के दीये में आग की लौ। यह चमत्कार देखा जा सकता है मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में। आगर मालवा जिले के नलखेड़ा गांव से करीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर गाड़ियां नाम का गांव बसा हुआ है। इस गांव में गड़ियाघाट माताजी का प्रसिद्ध मंदिर है जहां यह चमत्कार साक्षात रूप से देखा जा सकता है।
क्या है इसके पीछे की कहानी
गांव वालों की बात मानें तो इस मंदिर में पिछले कई सालों से घी या तेल नहीं बल्कि पानी से दिया जलाया जाता है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि पहले मंदिर में घी या फिर तेल का दीया ही जलाया जाता था। लेकिन आज से लगभग 5 साल पहले गड़ियाघाट माताजी ने पुजारी को सपना देकर गांव के पास बह रही कालीसिंध नदी के पानी से दीपक जलाने के लिए कहा। सुबह उठते ही पुजारी ने नदी से पानी लाकर दीया प्रज्ज्वलित किया। बस उसके बाद से अब तक नदी के पानी से ही मंदिर का दीया प्रज्ज्वलित किया जाता है। इतना ही नहीं, जैसे ही दीपक में पानी डाला जाता है वैसे ही वह एकदम चिपचिपा हो जाता है और इसके बाद दीपक जल उठता है। बारिश के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण मंदिर नदी की डूब में आ जाता है और उस समय मंदिर में पूजा पाठ नहीं हो पाती। बारिश के मौसम के बाद नवरात्रि के पहले दिन फिर से मंदिर में नदी के पानी की ज्योत जला दी जाती है।