Unique Temple: हिंदुस्तान को मंदिरों का घर कहा जाता है, जो विविधता और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। यहां के हर कोने में विभिन्न धार्मिक परंपराओं को दर्शाते हुए लाखों पवित्र मंदिर स्थित है जो किसी न किसी कारण से दुनिया भर में प्रसिद्ध है। जैसे ही हम लेपाक्षी, करणी माता, काशी विश्वनाथ, तिरुपति बालाजी और कामाख्या जैसे मंदिरों का उल्लेख करते हैं।
इन सब से हमें यह समझ आता है कि यह सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं है बल्कि संस्कृति कला और आस्था का अद्भुत मेल है। इन मंदिरों की दीवारें न केवल धार्मिक कथा सुनाती है बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और उसकी ऐतिहासिकता का भी बखान करती है।
हिमाचल का चौरासी मंदिर (Unique Temple)
चौरासी मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर शहर में स्थित है। यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिकता पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से इसकी दूरी लगभग 421 किलोमीटर है, जबकि डलहौजी और धर्मशाला से भी यह मंदिर करीब 113 किलोमीटर दूर स्थित है। चौरासी मंदिर में कई प्राचीन मंदिर है, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर के लिए अद्भुत उदाहरण भी है।
चौरासी मंदिर का इतिहास
चौरासी मंदिर का इतिहास रहस्यमय और प्राचीन है, जिसका सटीक विवरण अब तक किसी को ज्ञात नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 1400 वर्ष पुराना है और इसके महत्ता कई लोककथाओं से जुड़ी हुई है।
एक प्रमुख कथा के अनुसार इसे भरमौर के राजा ने 84 सिद्धों या योगियों की स्मृति में बनवाया था। चंबा के भरमौर क्षेत्र में कुल 84 मंदिर है। जिनमें से एक प्रसिद्ध मंदिर यमराज के नाम से जाना जाता है यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी इस विशेष बनाती है।
चौरासी मंदिर की अनोखी मान्यताएं
चौरासी मंदिर से जुड़ी कई अनोखी और रहस्यमयी मान्यता है, जो उसे विशेष बनाती है। ऐसा कहा जाता है कि यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है। जहां यमराज की उपस्थिति मानी जाती है। यहां यह विश्वास है कि यमराज इस मंदिर में लोगों के कर्मों का मूल्यांकन करते हैं और यह निर्णय करते हैं कि किसे स्वर्ग जाना है और किसे नरक।
इस मंदिर में एक गुप्त कैमरा भी बताया जाता है जिसे चित्रगुप्त का कक्ष माना जाता है। मान्यता के अनुसार चित्रगुप्त इसी कक्ष में व्यक्तियों के अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते थे और यमराज को उसकी जानकारी देते थे।