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Sun, Dec 21, 2025

आचार्य चाणक्य के अनुसार इन स्थानों पर एक पल भी रुकना हो सकता है खतरनाक, जीवन में आ सकती है तंगी

Written by:Sanjucta Pandit
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आचार्य चाणक्य के अनुसार इन स्थानों पर एक पल भी रुकना हो सकता है खतरनाक, जीवन में आ सकती है तंगी

Chanakya Niti : चाणक्य जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, जोकि भारतीय राजनीतिज्ञ, धार्मिक गुरु और आचार्य थे। वे भारतीय इतिहास के एक प्रमुख व्यक्ति हैं। चाणक्य का नाम उनकी प्रसिद्ध कृति “अर्थशास्त्र” के लिए सबसे अधिक जाना जाता है, जिसमें उन्होंने राजनीति, अर्थशास्त्र, राजनीतिक रणनीति और सामाजिक विज्ञानों पर व्यापक अध्ययन किया। उन्होंने भारतीय राजनीति, शासन के लिए अनेक सूत्र और नीतियां दी। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति के बारे में बताते हैं।

दरअसल, चाणक्य नीति ने अपने शास्त्र में बताया कि ऐसे स्थान पर ज्यादा देर ठहना आपके लिए घातक हो सकता है। इसके परिणामस्वरुप इंसान के जीवन में कंगाली भी आ सकती है। आइए जानते हैं विस्तार से…

इन बातों पर रखें ध्यान

  • समाज में कानून व्यवस्था का होना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सभी व्यक्तियों की सुरक्षा और सुरक्षित रहने की गारंटी प्रदान करता है। इसलिए ऐसी जगह नहीं रहना चाहिए, जहां कानून व्यवस्था कमजोर हो या नहीं हो। ऐसे में लोगों को अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है।
  • आचार्य चाणक्य के अनुसार, जल के बिना जीवन संभव नहीं है। अगर किसी स्थान पर पानी की उपलब्धता नहीं होती है, तो वहाँ लोगों का जीवन बहुत कठिन हो जाता है। पानी न केवल पीने के लिए आवश्यक है, बल्कि व्यवसाय, कृषि, स्वच्छता और सामाजिक संचालन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
  • आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें वैसी जगह नहीं रुकनी चाहिए, जहां कोई बिजनेस ना हो। उनका कहना है कि जो लोग अपना व्यापार या उद्योग चलाते हैं, वे समाज में शक्ति और स्वतंत्रता की स्थिति में होते हैं। इसलिए वे अपने जीवन को स्वतंत्रता और स्वाधीनता से जी सकते हैं। इसके विपरीत, जो लोग नौकरी के लिए दूसरों पर निर्भर होते हैं, उनका जीवन अनिश्चितता और आधीनता के चक्र में फंस जाता है। इसलिए ऐसे स्थान पर ना रहें, जहां भविष्य के लिए कोई रास्ता ना हो।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)