भगवद गीता के अनुसार इन चीजों से बनाएं दूरी, वरना धन, दौलत, सुख सब हो जाएगा खत्‍म

Sanjucta Pandit
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Bhagavad Gita Quotes Hindi : भगवद गीता के सन्देश मानव के लिए बहुत मूल्यवान हैं जो कि हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ है। महाभारत युद्ध के समय में अर्जुन को धर्म और कर्म के संदेश को समझाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का ज्ञान दिया था। इस ग्रंथ में दिए गए तत्त्वों और मार्गदर्शन से व्यक्ति अपने जीवन में सही नैतिकता, धार्मिकता, और उच्चतम मानवीय मूल्यों की ओर अग्रसर हो सकता है। इस ग्रंथ में भगवान श्री कृष्ण द्वारा मानव जीवन, धर्म, कर्म, ज्ञान और भक्ति के महत्त्वपूर्ण सिद्धांतों को समझाता है। गीता में कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग जैसे विभिन्न योगों का वर्णन है, जो मानव जीवन को एक उच्च स्तर पर लेकर जाने का मार्ग दिखाते हैं।

भगवद गीता के अनुसार इन चीजों से बनाएं दूरी, वरना धन, दौलत, सुख सब हो जाएगा खत्‍म

इसमें समग्र व्यक्ति के विकास के लिए मार्गदर्शन है, जिससे वह अपनी अंतरात्मा को समझ सकता है और सही निर्णय ले सकता है। गीता का सन्देश समय के साथ भी अपनी महत्ता बनाए रखता है और लोगों को जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करता है। इसी कड़ी में आज हम आपको उस उपदेश के बारे में बताएंगे, जिनसे भगवान श्री कृष्ण ने दूरी बनाएं रखने की सलाह दी है। अन्यथा, आपका इससे व्‍यक्ति की धन, दौलत, मान, प्रतिष्‍ठा, सुख सब खत्‍म हो जाएगा। आइए जानते हैं विस्तार से…

भोजन

भगवद् गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने निष्काम कर्म और धर्म के महत्त्व को बताया है। भगवान कहते हैं कि हमें अपनी मेहनत से कमाई हुई धन से ही अपने और परिवार का पेट भरना चाहिए। उन्होंने बताया कि धन कमाने के लिए इंसान जो मेहनत, नौकरी, व्यापार आदि करता है, उससे ही प्राप्त भोजन और आश्रय लेना चाहिए। दूसरों के हक का उल्लंघन करके अन्न को प्राप्त करना न केवल नैतिकता का उल्लंघन करता है, बल्कि यह सेहत और जीवन के अन्य पहलुओं पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। गीता में साफ तौर पर यह बताया गया है कि धन की प्राप्ति में नैतिकता, ईमानदारी और सत्य का पालन करना चाहिए। इससे शांति, समृद्धि और संतोष की प्राप्ति होती है।

धन

भगवद गीता के अनुसार, धन की प्राप्ति में किया गया छल या ठगी जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं जो धन अनैतिक तरीकों से प्राप्त किया जाता है, वो धन अक्सर अस्थायी होता है और जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसा धन संतानों को, समाज को और स्वयं को भी नुकसान पहुंचाता है। भगवद् गीता में ईमानदार, और नैतिकता को महत्त्व दिया गया है। इसलिए ऐसा करने से बच के रहें।

पराई स्त्री

परस्त्री पर बुरी नजर डालना सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से बहुत ही गलत होता है। इससे न केवल उस व्यक्ति को बलि देनी पड़ती है, बल्कि यह आपकी आत्मा को भी क्षति पहुंचाता है। परस्त्री के संबंध में सम्मान, सच्चाई और समझौता बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि हर किसी को पराई स्त्री का मां के समान सम्मान करना चाहिए।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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