चाणक्य को भारत का सबसे बड़ा विद्वान माना गया है। जिनकी नीतियां आज भी लोगों के काम आती है। उन्हें कौटिल्य या फिर विष्णु गुप्त के नाम से जाना जाता है। चाणक्य का जन्म लगभग 300 से 400 ईसा पूर्व माना गया है, जिन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी नीतियों को अपनाने वाला व्यक्ति समाज में खूब नाम कमाता है और सफलता हासिल करता है। उन्होंने अपनी अनुभव के आधार पर चाणक्य नीति (Chanakya Niti), अर्थशास्त्र, कूटनीति आदि जैसे ग्रंथों की रचना की है।
उनकी नीतियां हर क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करती है, जिनमें उन्होंने इन लोगों से दुश्मनी न करने की भी सलाह दी है, क्योंकि यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उन्हें जब जीवन में गंभीर तरह की परेशानियों से होकर गुजरना पड़ सकता है।

बलवान
चाणक्य नीति के अनुसार, अपने से अधिक बलवान, शक्तिशाली व्यक्ति से कभी भी दुश्मनी नहीं करनी चाहिए, जो व्यक्ति सत्ता में बैठा हो उनसे दुश्मनी मोल लेना बुद्धिमानी का कार्य नहीं है। इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा मित्रता बना कर रखें। अन्यथा, यह लोग आपके जीवन में विष घोलने का काम कर सकते हैं।
गुरु
चाणक्य नीति के अनुसार, कभी भी अपने गुरु या शिक्षक से बैर नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनके पास ज्ञान का भंडार होता है। उनकी नाराजगी से आपके जीवन में अंधकार आ सकता है। साथ ही कई सारे अवसरों से हाथ धोना पड़ सकता है।
धनवान
चाणक्य नीति बताती है कि धनी व्यक्ति से कभी भी दुश्मनी नहीं माल लेना चाहिए, क्योंकि यह आर्थिक रूप से कभी भी जरूरत पड़ने पर आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, धनवान व्यक्ति अपनी संपत्ति का उपयोग करके आपके खिलाफ साजिश कर सकते हैं।
धैर्यवान
चाणक्य नीति के अनुसार, कभी भी धैर्यवान व्यक्ति से शत्रुता मोल नहीं लेनी चाहिए। यह किसी भी परिस्थिति को आसानी से सहन कर सकते हैं और सही समय आने पर पटवार करना भी जानते हैं। इस स्वभाव के लोग अक्सर सही समय का इंतजार करते हैं। इसलिए इसे कभी भी दुश्मनी नहीं करनी चाहिए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)