आचार्य चाणक्य दुनिया भर के प्रसिद्ध विद्वानों में से एक है। जिनकी नीतियां आज भी बड़े-बड़े व्यापारी, राजनेता, आदि अपनाते हैं, जिससे उन्हें सफलता मिलती है। चाणक्य को कौटिल्य या फिर विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जाता है। जिन्होंने मौर्य साम्राज्य स्थापना करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को युद्ध से लेकर राजनीति की कला में निपुण किया। वह सम्राट मौर्य के प्रमुख सलाहकार भी थे, जिनके मार्गदर्शन में अखंड भारत का निर्माण हुआ था। ज्ञान और अनुभव के आधार पर कौटिल्य ने चाणक्य नीति, अर्थशास्त्र, नीतिशास्त्र, आदि ग्रंथों की रचना की है, जिसमें जीवन के हर पहुओं पर विचार किया गया है और उसमें सभी समस्याओं का हल पाया जाता है।
आज के आर्टिकल में हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए उन संकेतों के बारे में बताएंगे, जिससे आप मायावी दुनिया में पाखंडी लोगों की पहचान कर सकते हैं। ऐसे लोग हमेशा आपके आसपास होते हैं, लेकिन आप इस बात से अनजान रहते हैं।

पढ़ें चाणक्य के विचार
अक्सर हमारे ईद गिर्द ऐसे लोग मौजूद होते हैं, जो मुंह पर आपकी तारीफ करते हैं और पीठ पीछे आपको गिरने की साजिश रचते हैं। चाणक्य नीति में ऐसे लोगों को पाखंडी बताया गया है, जिन्हें पहचानना आसान नहीं है, क्योंकि यह इतनी मीठी बातें करते हैं, जिससे अंदाजा लगाना बहुत कठिन हो जाता है कि सामने वाला सच में आपका हितेशी है या आपका दुश्मन, लेकिन यदि आप महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य विचारों को पढ़ेंगे, तो आप आसानी से पाखंडी लोगों को पहचान सकते हैं।
ऐसे करें पहचान
- चाणक्य नीति के अनुसार, ऐसे लोगों की एक पहचान होती है। यह दूसरों का विश्वास जीत जीतने के लिए खुद नियम बनाते हैं, लेकिन अपने किसी प्रिय को लाभ पहुंचाने के लिए यह खुद ही नियम तोड़ देते हैं। इसके बाद वह साम, दाम, दंड, भेद आदि तरीकों से अपनी बात को सही साबित करने की कोशिश में लगे रहते हैं। यदि आपके आसपास कोई ऐसा व्यक्ति है, तो यह पाखंडी हो सकता है। ऐसे लोगों से जितना जल्दी हो सके दूर हो जाना आपके लिए सही रहेगा। अन्यथा, यह आपके भविष्य को अंधकारमय कर सकते हैं।
- चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र पाया गया है कि पाखंडी लोग अक्सर दूसरों को समानता का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन खुद उसे अमल नहीं कर पाते। भेदभाव करने के कारण आप ऐसे लोगों की पहचान कर सकते हैं। यह लोग अपने लाभ के अनुसार नियमों को तोड़ते हैं। इसके बाद आसानी से झूठ बोलकर वहां से निकल जाते हैं।
- पाखंडी लोग हमेशा धर्म कर्म की बातें करते हैं, लेकिन वह खुद मौका परस्त होते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार, केवल बातों में ही इनका ज्ञान झलकता है, लेकिन समय आने पर यह लोगों से क्रूर व्यवहार करने लगते हैं। यदि आपके आसपास ऐसा व्यक्ति मौजूद है, तो यकीन मानिए वह पाखंडी इंसान है। ऐसे लोगों से जितना जल्दी हो सके दूर हो जाना ही बेहतर है।
- चाणक्य नीति के अनुसार, पाखंडी लोग बनावटी होते हैं। वह गलत करते हुए भी सबकी नजरों में अच्छे बने रहना चाहते हैं। मीठी-मीठी बातें करके वह लोगों की नजरों में अच्छे बनकर रहते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)