Chanakya Niti : भारत के इतिहास में चाणक्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा है जोकि राजनीतिक और धर्मशास्त्र के ज्ञाता माने जाते हैं। उन्होंने कई लेख लिखे हैं, जिसमें हर क्षेत्र में सिद्धांतों का वर्णन किया गया है। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को खुद का साम्राज्य स्थापित करने की बेहतरीन सलाह दी थी। इसलिए उन्हें मुख्य सलाहकार भी माना जाता है। उनके द्वारा लिखी गई नीतियां आज भी बड़े-बड़े बिजनेसमैन और राजनीतिज्ञ द्वारा अपनाई जाती है जोकि सफलता का मार्ग बताता है।
तो चलिए आज का आर्टिकल में हम आना आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए ऐसे समय के बारे में भोजन करने का राज बताएंगे, जिसका वर्णन चाणक्य नीति में किया गया है, जो व्यक्ति उस खाने को गलत समय पर खाता है, तो वह किसी जहर से कम नहीं होता। इससे उनकी उम्र कम हो जाती है।
इस समय भोजन करना है विष के समान
- आचार्य चाणक्य अनुसार, पेट की गड़बड़ी कई गंभीर रोग पैदा करती है। जिसका सीधा असर इंसान की उम्र पर देखने को मिलता है। जब भी इंसान तेल युक्त पदार्थ का सेवन करता है, तो उसे पचाने में कठिनाई आती है और वह अपच का शिकार हो जाता है जोकि इंसान के लिए बहुत ही गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है।
- चाणक्य नीति में बताया गया है कि ऐसी स्थिति में इंसान को भोजन से दूरी बना लेनी चाहिए। अगर आपको अपच, फिर पेट भरा जैसा लग रहा हो या फिर आपको ऐसा लग रहा हो कि खाने से आपको समस्या हो सकती है, तो कुछ समय के लिए खाने को त्याग देना चाहिए। अन्यथा, आगे चलकर आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, जरूरत से ज्यादा बाहर का खाना खाना विष के समान माना जाता है। यह खाद्य पदार्थ कई सारे गंभीर रोगों को दावत देते हैं। यदि आप भी इन आदतों के आदि हैं, तो फौरन इन्हें त्याग दें। अन्यथा, आगे चलकर आपको पेट से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- बड़े-बुजुर्गों द्वारा ऐसा कहा जाता है कि इंसान कुछ टाइम तक नहीं खाकर जिंदा रह सकता है, लेकिन कई बार वह खा कर मर जाता है। इसलिए कोशिश करें कि अपनी क्षमता के अनुसार ही भोजन ग्रहण करें। उससे ज्यादा भोजन खाने पर आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)