Gita Updesh : हम सभी बचपन से ही श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में सुनते आ रहे हैं। जिसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था। बता दें कि कुरुक्षेत्र की भूमि पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया था जोकि धर्म और अधर्म की लड़ाई थी। इस युद्ध के प्रारंभ में दो परिवार के लोग आमने-सामने थे। ऐसे में अर्जुन युद्ध करने से डर रहे थे। वह अपनों के खिलाफ शस्त्र नहीं उठाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से युद्ध न करने की सलाह मांगी, लेकिन युद्ध तो होना ही था इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने महज 45 मिनट के अंदर गीता का ज्ञान देते हुए उन्हें संपूर्ण जीवन का रहस्य बताया। साथ ही विश्व रूप प्रकट कर उनके मन में चल रही दुविधाओं को खत्म किया। यह बताया कि एक क्षत्रिय का यह धर्म है कि वह अपने राज्य में होने वाली अनैतिकता को खत्म करें और अपनी प्रजा को अच्छा और स्वस्थ्य राज्य प्रदान करें। आगे उन्होंने यह भी बताया कि मनुष्य को अपने कर्मों के फल की चिंता किए बगैर निरंतर कार्य करते रहना चाहिए। इस ग्रंथ को संस्कृत भाषा में लिखा गया था, लेकिन अब इसका कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश में लिखी गई बहुत सारी बातें बताएंगे जो आपके बेहद काम आ सकती है और आप उन्हें अपना कर मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।
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- गीता उपदेश में यह लिखा गया है कि इंसान को ईश्वर से नहीं डरना चाहिए, बल्कि उसे अपने किए गए कर्मों से डरना चाहिए क्योंकि यह परम सत्य है कि ईश्वर इंसान को माफ भी कर देते हैं लेकिन उसके कर्म उसे कभी नहीं माफ करते और इसका परिणाम उसे इसी जीवन में भुगत कर जाना पड़ता है।
- गीता उपदेश में इस बात का जिक्र किया गया है कि इंसान को इच्छाओं के अनुरूप जीवन जीने के लिए जुनून चाहिए होता है। वरना हमेशा परिस्थितियों विपरीत ही बनी रहती है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे किस तरीके से जी रहे हैं।
- भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि जहां पर विश्वास होता है वहां पर सबूत की कोई जरूरत नहीं होती और अगर आपको कहीं सबूत देना पड़े तो वह रिश्ता आप आगे ना ही निभाएं इसी में आपकी भलाई होती है। यदि बार-बार किसी रिश्ते में सबूत देने की आवश्यकता पड़ रही है, तो वह रिश्ता वास्तविकता में कमजोर है।
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