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Sat, Dec 20, 2025

भगवान श्री कृष्ण के अनुसार मनुष्य का ये गुण होता है मूर्खता की पहचान, पढ़ें Gita Updesh

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
गीता उपदेश में धर्म, कर्म और भक्ति के बारे में संपूर्ण बातें बताई गई है। इसमें मनुष्य के मोक्ष के प्रति के मार्ग भी बताए गए हैं। भगवान श्री कृष्ण का कहना था कि किसी भी मनुष्य को अपने कार्य बिना किसी फल की इच्छा के बिना कर्म करते रहना चाहिए।
भगवान श्री कृष्ण के अनुसार मनुष्य का ये गुण होता है मूर्खता की पहचान, पढ़ें Gita Updesh

Gita Updesh : श्रीमद्भगवद्गीता सनातन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इसे 18 अध्याय और 700 श्लोक में विभाजित किया गया है। जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था, लेकिन अब इसे कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। बता दें कि यह ग्रंथ भगवान श्री कृष्णा और अर्जुन के बीच हुए संवाद का विस्तृत वर्णन है। जिसमें अर्जुन अपनों के खिलाफ शस्त्र उठाने से परहेज कर रहे थे। उनके मन में यह दुविधा चल रही थी कि आखिर कैसे उनके गुरूजन, मित्रजन और रिश्तेदार युद्ध के लिए तैयार है, लेकिन उनकी इस दुविधा को खत्म करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें जीवन का रहस्य बताया और विश्व रूप प्रकट कर गीता का उपदेश दिया। बता दें कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच लड़ी गई थी। कुरुक्षेत्र की रणभूमि में 18 दिन लड़ाई चलने के बाद आखिरकार पांडवों को कौरवों पर जीत हासिल हुई। जिसके बाद अखंड भारत का निर्माण हुआ। गीता उपदेश में धर्म, कर्म और भक्ति के बारे में संपूर्ण बातें बताई गई है। इसमें मनुष्य के मोक्ष के प्रति के मार्ग भी बताए गए हैं। भगवान श्री कृष्ण का कहना था कि किसी भी मनुष्य को अपने कार्य बिना किसी फल की इच्छा के बिना कर्म करते रहना चाहिए। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए गीता उपदेशों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

पढ़ें Gita Updesh

  • गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि कलयुग के समय में हर व्यक्ति अपने आप में चालक होता है। इसलिए किसी को भी शरीफ समझना तुम्हारी अच्छाई नहीं, बल्कि यह तुम्हारी मूर्खता होगी।
  • गीता उपदेश के अनुसार, मनुष्य के दुखों का कारण उसका प्रेम होता है क्योंकि वह जितना किसी से अधिक मोहित होता है, उसे उतनी अधिक तकलीफ होती है क्योंकि मोह से उम्मीदें जगाती है और उम्मीद से तकलीफ क्योंकि उम्मीद टूटने पर इंसान मन से बिखर जाता है।
  • गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया था कि बुराई बड़ी हो या छोटी विनाश का कारण बनती है, क्योंकि नाव में छेद बड़ा हो या छोटा वह नाव को डूबा ही देता है।
  • गीता उपदेश के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि जीवन में दो लोगों का होना बहुत जरूरी है। एक कृष्ण जैसा साथी जो लड़े ना फिर भी आपकी जीत निश्चित कर दें। दूसरा कारण जैसा मित्र जो परिणाम जानते हुए भी आपका साथ ना छोड़े।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)