18 जुलाई से होगी अधिकमास की शुरुआत, पुण्य प्राप्ति के लिए करें ये कार्य, इन कार्यों से रहें दूर

Diksha Bhanupriy
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Adhik Maas

Adhik Maas 2023: 18 जुलाई से अधिक मास का आरंभ हो जाएगा जो 16 अगस्त तक चलने वाला है। इसे पुरुषोत्तम मास और मलमास के नाम से भी पहचाना जाता है। 19 साल बाद ऐसा अद्भुत संयोग बना है जब सावन में अधिकमास आया है। श्री हरि विष्णु की पूजन का इस समय में काफी महत्व होता है और कुछ कार्य विशेष फलदायी होते हैं।

अधिकमास का महत्व

अधिक मास श्री हरि विष्णु और भगवान शिव के पूजन अर्चन के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में किए गए जप तप पुण्य पाठ पूजन काफी लाभकारी होते हैं। जिस वर्ष में सूर्य संक्रांति नहीं पड़ती है। वह अधिक मास में गिना जाता है और 3 सालों के अंतराल के बाद ऐसा योग देखने को मिलता है। सूर्य संक्रांति न पड़ने का सीधा संबंध सूर्य और चंद्रमा से होता है।

दान का खास महत्व

अधिक मास में दान का विशेष महत्व माना जाता है। इस समय में अनाज, धान, जूते चप्पल, कपड़ों का दान देना अच्छा होता है। बारिश का समय होने से इस दौरान छाते का दान भी किया जा सकता है। शिवजी के मंदिरों में इस दौरान अबीर गुलाल, हार फूल, चंदन, बिल्व पत्र, जनेऊ, दूध, दही, घी जैसी चीजों का दान करना चाहिए।

अधिकमास में करें ये कार्य

अधिक मास का सीधा संबंध श्री हरि विष्णु की पूजा से होता है इसलिए इस दौरान सत्यनारायण की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। विष्णु जी की पूजन अर्चन करने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

ग्रह दोष का निवारण करने के लिए अधिक मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सभी तरह के दोष समाप्त होते हैं और घर में सुख शांति का वास होता है।

अगर आप काफी समय से यज्ञ या अनुष्ठान करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो अधिक मास इसके लिए सबसे श्रेष्ठ समय होता है। अधिक मास में किए गए इस तरह के धार्मिक अनुष्ठान विशेष फल प्रदान करते हैं। इससे भगवान भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।

शास्त्रों में दिए गए उल्लेख तो बता दो अधिक मास में श्री हरि विष्णु के अवतारों की पूजन करने का विशेष महत्व होता है। इस समय कुछ लोग ब्रज भूमि की यात्रा पर भी जाते हैं।

नही होते शुभ कार्य

मलमास में शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। शादी के विवाह जैसी चीजों के अलावा इस समय में नया व्यापार भी शुरू नहीं किया जाता। मुंडन, गृहप्रवेश, कर्णवेध जैसे कार्यों पर भी इस दौरान रोक रहती है। मलमास होने के चलते इस बार सावन 2 महीने का रहेगा, जो शिव कृपा बरसाएगा।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज इनकी पुष्टि नहीं करता।)


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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