अजा एकादशी कल, बन रहा दुर्लभ संयोग, इन 3 राशियों की चमकेगी किस्मत, पूरी होगी मनोकामना, ऐसे करें पूजा

10 सितंबर को अजा एकादशी है। इस दिन ग्रह और नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है। जिसका असर सभी राशि के जातकों पर होगा।

Aja Ekadashi 2023: सनातन धर्म में सभी एकादशी तिथियों का खास महत्व होता है। हर साल 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं, जिसमें से अजा एकादशी है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष एकादशी को “अजा एकादशी” व्रत कहा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यताएं हैं कि इस दिन पूजा-अराधना और व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस बार 10 सितंबर रविवार को अजा एकादशी व्रत रखा जाता है।

बन रहा दुर्लभ संयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 10 सितंबर अजा एकादशी के दिन ग्रह और नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है। रविवार और एकादशी एक साथ पड़ने पर न सिर्फ भगवान विष्णु मेहरबान  होंगे बल्कि सूर्यदेव की भी कृपा बरसेगी। इस दिन सवार्थ सिद्धि योग, रवि पुष्य योग और वरीयन योग बन रहा है। साथ ही पुष्य नक्षत्र और पुनर्वसु नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। जिसका असर सभी राशि के जातकों पर पड़ेगा। तीन राशियों को विशेष लाभ होगा।

इन तीन राशियों को होगा लाभ

सिंह राशि– सिंह राशि के जातकों के लिए अजा एकादशी का दिन बहुत शुभ होगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। निवेश पर लाभ हो सकता है। भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ मिलेगा। लंबे समय से अटके काम पूरे होंगे। धन लाभ के योग बन रहे हैं।

तुला राशि– तुला राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा। सफलता के प्रबल योग बन थे हैं। वाहन और संपत्ति खरीदने के योग बन रहे हैं। धन लाभ होगा।

मिथुन राशि– मिथुन राशि के जातकों पर भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी मेहरबान होगी। धन लाभ होगा। आय में वृद्धि होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा। कार्यक्षेत्र में प्रशंसा होगी।

ऐसे करें पूजा

  • अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल का छिड़काव करें।
  • भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और व्रत का संकल्प लें।
  • अगरबत्ती, नारियल, सुपारी, फल, पंचामृत, तुलसी, चंदन, फूल, नारियल, दाल इत्यादि अर्पित करें।
  • घी का दीपक जरूर जलाएं। भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
  • सुबह और शाम में आरती करें। पूरी रात जागकर गीत, भजन और कीर्तन करें।
  • द्वादश तिथि को पारण करें। ब्रह्मों को गरीबों को भोजन भी कराएं। दान-दक्षिणा भी करें ।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल समान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)