Akhuratha Sankashti Chaturthi : गणपति बप्पा के भक्त जीवन में सफलता पाने के लिए और गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ खास उपाय करते हैं, जिनसे आर्थिक तंगी खत्म हो जाती है। साथ ही काम में आ रही रूकावटों से छुटकारा मिलता है। वहीं, चंद्र उदय के बाद व्रत का पारण करने वाले जातक हमेशा प्रसन्न रहते हैं। गणपति जी की कृपा से उनके काम में हमेशा तरक्की होती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। वहीं, पौष महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 दिसंबर की सुबह 10:06 पर शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन यानी 19 दिसंबर को सुबह 10:02 पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर को रखा जाएगा। वहीं, चंद्रोदय का समय शाम 8:27 है। इसके बाद आप व्रत का पारण कर सकते हैं।
ऐसे करें पूजा
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद पूजन स्थल को साफ करें।
- फिर चौकी बिछा कर उसे हरे रंग के कपड़े से ढक दें।
- अब उसपर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- फिर गंगाजल या साफ पानी से बप्पा का जलाभिषेक करें।
- अब गणेश जी को पीले रंग का चंदन लगाएं।
- इसके बाद फूल, फल रोली, अक्षत, आदि अर्पित करें।
- आप गणेश जी को प्रसाद के तौर पर आप लड्डू, मोदक, मालपुआ, आदि का भोग लगा सकते हैं।
- इस दौरान ‘श्री गणाधिपतये नम:’ मंत्र का जाप करें।
- अंत में गणेश जी आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
करें ये उपाय
- आर्थिक तंगी से परेशान लोगों को इस दिन गन्ने का रस से गणपति जी का जलाअभिषेक करना चाहिए।
- यदि काम में बार-बार रुकावट आती है, तो इस दिन गणपति बप्पा को 5 हल्दी की गांठ अर्पित करें।
- जॉब में प्रमोशन नहीं मिलने से परेशान या फिर कर्ज में डूबे होने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस दिन गणपति बप्पा को मोदक का लड्डू चढ़ाएं।
- आप इस खास मौके पर जरूरतमंदों में मोदक, मिठाई, चना, गुड़, आदि का भी दान कर सकते हैं।
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