अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) सिर्फ एक तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि आस्था, श्रद्धा और रहस्य का संगम है। हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कठिन रास्तों से होकर गुफा तक पहुंचते हैं। लेकिन इस यात्रा के दौरान एक रहस्य ऐसा भी है जो सबको नहीं दिखाई देता कबूतरों का वह जोड़ा, जिसे अमर पक्षी कहा जाता है।
मान्यता है कि बाबा अमरनाथ की गुफा में भगवान शिव ने अमर कथा सुनाई थी। उस समय माता पार्वती तो वहां थीं ही, लेकिन साथ में दो कबूतर भी उस कथा के साक्षी बन गए थे। यह जोड़ा आज भी हर साल अमरनाथ गुफा में दिखाई देता है, लेकिन केवल उन्हीं को जो सच्चे भाव और पुण्य कर्मों के साथ यात्रा करते हैं।
कबूतरों का अमर रहस्य और अमरनाथ की कथा से जुड़ाव
1. अमरनाथ गुफा में शिव-पार्वती की कथा और अमर पक्षी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से अमरता का रहस्य पूछ लिया। तब भगवान शिव उन्हें एकांत में वह रहस्य सुनाना चाहते थे। इसी कारण उन्होंने हिमालय की इस गुफा का चयन किया। गुफा में पहुंचने से पहले उन्होंने हर वस्तु, हर प्राणी और यहां तक कि नंदी को भी त्याग दिया। लेकिन जब उन्होंने पार्वती को वह कथा सुनाई, उसी समय पास में दो कबूतर छिपे हुए थे।
जब कथा समाप्त हुई और भगवान शिव को पता चला कि ये कबूतर भी कथा के साक्षी बन गए हैं, तब उन्होंने उन्हें श्राप नहीं दिया बल्कि उन्हें अमरता का वरदान दे दिया। तभी से यह माना जाता है कि वही जोड़ा अमरनाथ गुफा में हर साल दिखाई देता है।
2. क्या ये कबूतर आज भी गुफा में दिखाई देते हैं?
जी हां, आज भी कई श्रद्धालु दावा करते हैं कि उन्होंने अमरनाथ यात्रा के दौरान उस कबूतर के जोड़े को देखा है। यह कोई आम दृश्य नहीं है। अमरनाथ गुफा की ऊंचाई और ठंडे वातावरण में किसी भी जीव का जिंदा रहना असंभव है, लेकिन फिर भी ये कबूतर हर साल एक निश्चित समय पर दिखाई देते हैं।
वैज्ञानिक तर्क इसके पीछे चाहे जो भी हों, लेकिन भक्तों के लिए यह आस्था और चमत्कार का प्रतीक है। कई बार तो सीआरपीएफ और तीर्थ यात्रियों द्वारा इन कबूतरों की तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आ चुकी हैं।
3. किन्हें होता है अमर पक्षियों का दर्शन?
यह कहा जाता है कि अमर पक्षियों के दर्शन उन्हीं को होते हैं जिन पर बाबा बर्फानी की विशेष कृपा होती है। यात्रा के दौरान जो भक्त मन, वचन और कर्म से शुद्ध होकर आगे बढ़ते हैं, उन्हें ही यह चमत्कारिक दृश्य दिखाई देता है।
कई भक्तों का कहना है कि उन्होंने गुफा के भीतर बाबा बर्फानी के शिवलिंग के दर्शन के साथ-साथ पास ही बैठे दो सफेद कबूतरों को देखा है, जो पल भर में गायब भी हो गए। ये दर्शन दुर्लभ हैं और इन्हें देखने वाला खुद को सौभाग्यशाली मानता है।





