छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है? प्रेमानंद महाराज जी की ये सीख आपकी सोच बदल देगी

अगर आपको जल्दी गुस्सा आता है, तो यह जानना जरूरी है कि गुस्सा सिर्फ आपकी शांति ही नहीं छीनता, बल्कि आपके फैसलों को भी प्रभावित करता है। प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि गुस्से में हम सही-गलत का भेद भूल जाते हैं और कई बार ऐसे शब्द कह देते हैं, जिनका पछतावा बाद में होता है।

Bhawna Choubey
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प्रेमानंद महाराज जी (Premanand Maharaj) को कौन नहीं जानता, बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी प्रेमानंद महाराज जी को अच्छी तरह से जानते हैं रोज़ाना महाराज जी की कोई न कोई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं, प्रेमानंद जी महाराज की बातें सुनने और अपने मन की उलझनों को सुलझाने के लिए लोग दूर दूर से उनके पास आते हैं, और अपने मन की व्यथा बताते हैं और महाराज जी से इसका समाधान मानते हैं.

प्रेमानंद महाराज जी के प्रवचन न केवल मानसिक शांति देते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाने में मदद करते हैं. प्रेमानंद महाराज जी के पास लोग अपने मन की उलझन सुलझाने के लिए आते हैं. उनके द्वारा बताए गए सवाल और प्रभावशाली उपाय अपनाकर व्यक्ति अपनी आदतों और जीवनशैली में सुधार कर सकता है.

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बहुत गुस्सा आता हैं, क्या करें?

इसी के चलते एक बार एक महिला के द्वारा महाराज से पूछा गया कि महाराज जी मुझे बहुत ग़ुस्सा आता है, मैं छोटी छोटी बातों पर बहुत ग़ुस्सा करने लगती हूँ। इस वजह से आगे चलकर बातें बहुत बिगड़ जाती है, इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि क्या कभी किसी को पॉज़िटिव बातों को लेकर ग़ुस्सा आता है। नहीं, इंसान को हमेशा निगेटिव बातों पर ग़ुस्सा आता है, साथ ही साथ जब इंसान ग़ुस्से में रहता है तो वह अपने मन से सिर्फ़ और सिर्फ़ नेगेटिव बातें ही बोलता है।

भगवान का संकेत समझें

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा, कि जब आपको कोई कटु वचन कहता है, तो आपको ग़ुस्सा करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आपको यह सोचना है कि शायद आपको किसी तरह की सज़ा मिली हैं , आपको भगवन कुछ बताना चाहते हो , सामने वाले व्यक्ति ने आपको कटु वचन बोले, तो ऐसे में उस इंसान की सच्चाई आपके सामने आयी, इस स्थिति में आपको यह सोचना है, कि भगवान ने यह स्थिति उत्पन्न की है, जिससे कि आप इस तरह के व्यक्तियों को दूर अपनी ज़िंदगी से दूर कर सकें, और लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं इस बात का आपको पता लग सके।

भगवान का नाम जपते रहें

इसलिए हमेशा भगवान का नाम जपते रहे, और भगवान को हमेशा धन्यवाद कहते रहिए, लेकिन यह ग़लत है कि अगर आपको कोई कटु वचन बोल रहा है, तो आप ग़ुस्सा करें, ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है, मन में सकारात्मकता लेकर आए, और सोचे कि जो हुआ अच्छा हुआ। अगर आप सोच रहे हैं कि मन से नकारात्मकता नहीं जाती है, तो इसका सबसे अच्छा समाधान है, कि जब भी आपका मन बेचैन हो, या मन में उलझने चल रही हो, तो मन ही मन भगवान का नाम जपे।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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