Apara Ekadashi: अपरा एकादशी आज, जरूर करें ये 4 उपाय, ऐसे करें पूजा, बरसेगी लक्ष्मी-नारायण की कृपा, पूरी होगी इच्छा

2 जून रविवार पांच सुबह 5:04 बजे अपरा एकादशी का शुभारंभ हो चुका है। गृहस्थ लोग 2 जून को व्रत रखेंगे। तो वहीं वैष्णव संप्रदाय के लोग 3 जून को व्रत रखेंगे।

Manisha Kumari Pandey
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Apara Ekadashi 2024: साल में 24 एकादशी पड़ती है। जिसमें से एक “अपरा एकादशी” है। ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है।  इसे भद्रकाली और अचला एकादशी भी कहा जाता। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। विधि -विधान के साथ पूजा करने से पूजा करने और व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। 

दो दिन रखा जाएगा व्रत, पारण का समय

2 जून रविवार पांच सुबह 5:04 बजे अपरा एकादशी का शुभारंभ हो चुका है। इसका समापन 3 जून रात 2:41 बजे  होगा। गृहस्थ लोग 2 जून को व्रत रखेंगे। तो वहीं वैष्णव संप्रदाय के लोग 3 जून को व्रत रखेंगे। 3 जून को पारण करने का समय सुबह 8:05 से लेकर 8:10 बजे तक है। 3 जून को पारण  का शुभ समय सुबह 5:23 बजे से लेकर सुबह 8:10 बजे तक है। अपरा एकादशी के दिन पुण्य का विशेष महत्व होता है। मान्यताएं हैं इस दिन व्रत रखने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।

ऐसे करें पूजा

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करने मंदिर की सफाई करें। भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें। चंदन और फूल अर्पित करें। घी का दीपक प्रज्वलित करें। व्रत का संकल्प लें। अपरा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें। पूजा के दौरान “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ॐ विष्णवे नमः” का जाप करें। भोग अर्पित करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें।

आजमाएं ये 4 उपाय 

  • अपरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।  पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। जीवन में सुख समृद्धि आती  है।
  • इस दिन इस दिन जरूरतमंदों और गरीबों के बीच फल और अन्न का दान करें। ठंडा फलों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। वस्त्र का दान भी कर सकते हैं।
  • शंख में दूध भरकर भगवान विष्णु की प्रतिमा का अभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। अन्न और धन भंडार सदैव भरा रहता है।
  • तुलसी केपौधे के पास बैठकर 108 बार तुलसी माला का जाप करें। “ॐ  नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें। जाप के बाद तुलसी की मिट्टी से तिलक करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें। ऐसा करने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं। जीवन में सफलता के योग बनते हैं। धन-धान्य में विधि होती है

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)


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