25 जून को है आषाढ़ अमावस्या, इन नियमों का करें पालन, मिलेगा शुभ परिणाम

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि पर अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन सुबह से ही लोग नदी और तालाब के किनारे स्नान और दान करने पहुंचते हैं।

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत अधिक महत्व है। यूं तो हिंदू धर्म में आए दिन कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। कभी होली, तो कभी दिवाली, कभी तीज, तो कभी छठ, कभी रक्षाबंधन, तो कभी गणेश उत्सव, आदि… इन सभी का अपना अलग-अलग महत्व है। इस दौरान विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। देश के सभी क्षेत्रों में इन्हें मनाने का तरीका भी अलग-अलग होता है। कुछ फेस्टिवल राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाते हैं, तो कुछ त्योहार ऐसे होते हैं जो विशेष क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा मनाए जाते हैं। वहीं अमावस्या की बात करें, तो इस दिन पितरों को जल अर्पित करना शुभ माना गया है।

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि पर अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन सुबह से ही लोग नदी और तालाब के किनारे स्नान और दान करने पहुंचते हैं।

मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 24 जून को सुबह 6:15 बजे से शुरू होगी, जिसका समापन 25 जून को दोपहर 4:00 बजे होगा। ऐसे में इसका प्रभाव 25 जून को अधिक रहेगा और अमावस्या का पर्व 25 जून को मनाया जाएगा।

धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन पितृ दोष की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है। उन्हें प्रसन्न करने पर जीवन में शुभ परिणाम मिलते हैं। ऐसे में यदि आप भी अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा।

ऐसे करें प्रसन्न

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। यदि आपके आसपास नदी नहीं है, तो आप तालाब या घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
  • मंदिर जाएं या फिर किसी भी गरीब व्यक्ति को श्रद्धा अनुसार दान दें।
  • इस दिन दाल, गेहूं, चना, धान, कपड़े, किताबें, कंबल, जूते आदि दान करना शुभ माना जाता है।
  • पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करें।
  • आप चाहें तो पीपल के पेड़ की पूजा भी कर सकते हैं।

न करें ये काम

  • इस दिन तामसिक भोजन (मांस, मछली, शराब आदि) से परहेज करें।
  • मन में किसी के प्रति गलत विचार न रखें।
  • किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से बचें।
  • कोई भी शुभ कार्य इस दिन न करें। यह वर्जित माना गया है, क्योंकि इससे नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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