Astro Tips : शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाया जाता है। यह बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इसकी काफी ज्यादा मान्यताएं बताई गई है। हिंदू धर्म के अनुसार शनिवार के दिन शनि पूजा को काफी ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है। ऐसे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर परेशानी दूर करते हैं। जैसा कि सभी जानते हैं शनिदेव अगर रूठ जाए तो वह भक्तों के बनते हुए काम बिगाड़ देते हैं। ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह के प्रयास करते हैं। इन्हीं में से एक शनिवार के दिन सरसों का तेल अर्पित करना का उपाय सबसे अच्छा और शुभ माना गया है। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि शनिदेव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाया जाता है उसके पीछे की मान्यता क्या है, तो चलिए जानते हैं –
शनि की ढैय्या
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शनिदेव को सरसों का तेल शनिवार के दिन इसलिए चढ़ाया जाता है ताकि भक्तों को साढ़ेसाती और शनि की ढैया से मुक्ति मिल सके और उनके जीवन की हर परेशानी दूर हो सके।
शनि दोष को कम करें
अगर कुंडली में ऐसा सनी दोस्तों से छुटकारा पाने के लिए भक्त शनिदेव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं और सरसों का तेल शनिवार के दिन अर्पित करते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है और कुंडली के दोस्त ही दूर होते हैं।
जाने कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण ने शनिदेव को कैद कर रखा था। शनिदेव के आग्रह पर रावण की कैद से शनिदेव को मुक्त करवाया गया था। इतना ही नहीं उन्हें उछाल कर लंका से बहुत दूर पर किया था, जिसकी वजह से उन्हें काफी ज्यादा छोड़ते आई थी। ऐसे में शनि देव को राहत देने के लिए हनुमान जी ने उनके घाव पर सरसों का तेल लगाया था। जिससे उन्हें काफी ज्यादा राहत मिली थी। उसके बाद ही शनिदेव ने वरदान दिया था कि भविष्य में जो भी भक्त मुझे सरसों का तेल अर्पित करेगा। उसके सारे कष्ट दूर होंगे और उस पर हमेशा मेरी कृपा बनी रहेगी। इसलिए सरसों के तेल का अभिषेक करना बेहद लाभकारी माना गया है। इससे हर मनोकामना भी पूर्ण होती है। कहा जाता है तेल अभिषेक से शनिदेव की कृपा होती है और वैभव, मान सम्मान, सुख-शांति की प्राप्ति भी होती है।