Rajyog 2023 : इन 2 विशेष राजयोग से बदलेगी जातकों की किस्मत, मेष सहित 4 राशियों को धन-ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा-सम्मान, समृद्धि-नौकरी लाभ, नवपंचम राजयोग से निवेश, सफलता

Kashish Trivedi
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Astrology, Akhand Samarajya Rajyog, Navpancham Rajyog : वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में योग दोष और भाव महत्व के माने जाते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन का असर जातकों के जीवन पर पड़ता है। इसके साथ ही महत्वपूर्ण योग और राजयोग के निर्माण होते हैं। कई विशेष योग और राज्यों के बहने से जांच उच्च पद ,प्रतिष्ठा और सम्मान हासिल करते। इसके साथ ही धन और शिक्षा में भी वृद्धि होती है। वहीं अशुभ ग्रह के योग से जातक बीमारी और कर्जदार बनते हैं।

जुलाई महीने में बड़े ग्रहों के राशि परिवर्तन के साथ ही कई महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण हुआ है। गुरु और मंगल के योग से नवपंचाम राजयोग का लाभ जातकों को मिल रहा है। वही अखंड साम्राज्य योग से जातकों के जीवन पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहे हैं।

अखंड साम्राज्य योग

ज्योतिष में कई लोग ऐसे होते हैं, जो धन वैभव और समृद्धि संपत्ति के कारक होते हैं। ऐसा ही एक योग्य अखंड साम्राज्य। अखंड साम्राज्य योग को प्रभावशाली माना जाता है। इसका लाभ जातकों को मिलता है। साथ ही उनके जीवन में सुख समृद्धि और संपन्नता में वृद्धि होती है।

अखंड साम्राज्य योग का निर्माण

  • अखंड साम्राज्य योग का निर्माण तब होता है जब स्थिर लग्न वाली कुंडली यानी वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह अपने राशि का परिवर्तन करते हैं।
  • यह योग बनता है जब गुरु दूसरे, 5वें और 11वें घर के स्वामी हैं।
  • इसके अलावा चंद्रमा की स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है। यदि कुंडली के नौवें, दूसरी और ग्यारह घर में गुरु मजबूत स्थिति में चंद्रमा के साथ विराजमान हो तो अखंड साम्राज्य योग का निर्माण होता है।
  • कुंडली में गुरु वृषभ लग्न के लिए एकादश भाव सिंह लग्न के लिए पंचम भाव और वृश्चिक लग्न के लिए दूसरे भाव सहित पांचवे भाव और कुंभ लग्न के लिए दूसरे और एक ग्यारह भाव के कारक माने जाते हैं तब इस योग का निर्माण होता है।
  • इसके अलावा जब कुंडली के दूसरे, 10वें,11वीं भाव के स्वामी एक साथ केंद्र में स्थित हो, तब इस योग का निर्माण होता है।

योग का लाभ

  • जिन जातकों की कुंडली में इस योग का निर्माण होता है। उन्हें धन की कमी नहीं होती। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलता है।
  • कैरियर में वृद्धि होती है।
  • व्यापार के हर क्षेत्र में लाभ प्राप्त करते हैं
  • सुख सुविधा, संपन्नता के मालिक होते हैं।
  • इसके साथ ही अप्रत्यक्ष तरीके से धन लाभ होता है।
  • अशुभ ग्रह के प्रभाव समाप्त होते हैं।
  • इसके साथ ही उच्च शिक्षा और संतान सुख हासिल करते हैं।
  • आध्यात्मिक शक्ति का ज्ञान होता है।
  • साथ ही शेयर बाजारों निवेश में अच्छे धन की प्राप्ति होती है।

गुरु मंगल योग (नवपंचन राजयोग)

गुरु को बेहद शुभ ग्रह माना जाता है। धार्मिक कार्य धन, दान और पुण्य आदि के कारक माने जाते हैं। इसके साथ ही गुरु को शिक्षा और संतान का कारक माना जाता है। गुरु मंगल की युति शुभ योगों की श्रेणी में आती है। वही गुरु मंगल योग तब बनते हैं, जब कुंडली में मंगल और गुरु की युति हो रही हो। इस योग के बनने से जातक को उच्च पद की प्राप्ति होती है।

गुरु मंगल योग का लाभ

  • गुरु और मंगल के योग से बनने वाले व्यक्ति हस्तकला में निपुण होते हैं।
  • ज्योतिषी होते हैं।
  • साथ ही तर्कशील बुद्धिमान होते हैं।
  • भाषण में निपुण होने के साथ ही लोगों को आकर्षित करने का भी दम रखते हैं।
  • क्रोधित होते हैं।
  • उच्च शिक्षा हासिल करते हैं।
  • सदैव जागरूक रखते हैं।
  • धार्मिक कार्य और पूजा पाठ में मन लगा रहता है।

नवपंचम राजयोग का लाभ

गुरु और मंगल के गोचर से बने नवपंचम राजयोग का लाभ मेष राशि सहित कर्क, सिंह और धनु राशि को मिलने वाला है।

मेष

इस राजयोग का लाभ जातकों को मिलने वाला है। आपकी राशि के स्वामी मंगल ग्रह आपके गोचर कुंडली के त्रिकोण में सिंह राशि में विराजमान है। ऐसे में गुरु की दृष्टि उन पर पड़ रही है। मान सम्मान, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आकस्मिक धन लाभ होगा। नौकरी लगने के आसार हैं। प्रभाव में वृद्धि होगी। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। करियर में तरक्की के योग बन रहे हैं। संतान पक्ष से कोई समस्या का समाधान होगा।

कर्क

कर्क राशि के लिए इस राजयोग का लाभ बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंगल ग्रह की कुंडली में बुद्धि और करियर के स्वामी है और इस समय बुद्धि के करियर को चमकाएंगे। मंगल ग्रह धन स्थान पर बैठे है। धन लाभ होगा। नौकरी पेशा वाले को मनचाही नौकरी मिल सकती है। पदोन्नति और ट्रांसफर के आसार बन रहे हैं।  पदोन्नति के साथ ही वेतन में वृद्धि देखने को मिल सकती है। कई सफलता आपके हाथ लगने वाली है।

सिंह

सिंह राशि के लिए इस राजयोग का लाभ महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कारोबार की दृष्टि से यह बेहद फायदेमंद है। मंगल ग्रह की गोचर कुंडली के केंद्र त्रिकोण में स्थित है। ऐसे में विवाहित जीवन अच्छा रहेगा। तनाव होने के आसार है। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। नए लोग से जुड़ेंगे। उसके साथ ही आपके रुके हुए कार्य पूरे होंगे।

धनु

धनु राशि के लिए नवपंचाम राजयोग अनुकूल साबित होने वाला है। पंचम भाव में देव गुरु बृहस्पति है और भाग्य स्थान में मंगल है। ऐसे में भाग्योदय होगा। संतान की तरक्की होगी ।यात्रा के योग बन रहे थे। फंसा हुआ धन वापस होगा। धन लाभ होगा। प्रतिष्ठा, पद, सम्मान में वृद्धि होगी।

 

(Disclaimer : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी नियम नीति के लिए अपने ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें।)


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