Astrology, Budhaditya Rajyog, shubh kartari Yog : वैदिक ज्योतिष में राशियों का परिवर्तन जातकों के जीवन पर देखने को मिलता है। शुक्र की राशि में एक बार फिर से राजयोग का निर्माण होगा। वृषभ राशि में सूर्य पहले से विराजमान है। वहीं बुद्ध 7 जून को वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में बुधादित्य राजयोग का निर्माण हो रहा है।
इन राशियों को बुधादित्य योग का लाभ
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए बुधादित्य योग बेहद अनुकूल साबित होने वाला है। कारोबार के सिलसिले में यात्रा कर सकते हैं। विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं ।घर में धार्मिक और मांगलिक कार्य में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही नौकरी के अवसर मिलेंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। समृद्धि का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य पर इसके बेहद अनुकूल प्रभाव पड़ेंगे। मानसिक शांति मिलेगी।
सिंह
सिंह राशि वाले के लिए बुधादित्य योग बेहद शुभ साबित होने वाला है। दसवें भाव में योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में धन लाभ होगा। कारोबार से अच्छे खासे मुनाफे अर्जित करेंगे। व्यापार का विस्तार कर सकते हैं। नए अवसर पर नहीं पहचान बनेगी। कुछ बड़ा लाभ हासिल करेंगे। पिता का सहयोग मिलेगा। नौकरी पेशा लोगों को प्रमोशन और तबादले देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही बेरोजगार व्यक्तियों को नौकरी मिल सकती है।
कन्या
बुध के वृषभ राशि में प्रवेश करने के साथ ही कन्या राशि के जातकों को महत्वपूर्ण लाभ मिलने वाला है। धन और वाणी के भाव में राज्यों का निर्माण होगा। ऐसे में धन की प्राप्ति होगी। नौकरी में अच्छे अवसर मिलेंगे। विदेश में व्यापार करने वाले को धन लाभ हो सकता है। बुद्धि विकसित होगी ।आर्थिक स्थिति में मजबूती देखी जाएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
कर्तरी योग
ग्रहों के गोचर और राशि परिवर्तन के आधार पर कुंडली का निर्माण होता है। कुंडली में बनने वाले योग, शुभ ग्रह और अशुभ ग्रह के प्रभाव से निर्मित होते हैं और मानव जीवन पर गहरा असर छोड़ते कुंडली में कर्तरी योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है। कर्तरी योग दो प्रकार के होते हैं। पहला शुभ कर्तरी योग और दूसरा पाप कर्तरी योग।
शुभ कर्तरी योग का निर्माण गुरु, शुक्र, चंद्रमा और बुध की वजह से निर्मित होता है जबकि पाप कर्तरी योग का निर्माण सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु के तहत निर्मित होता है।
शुभ कर्तरी योग का निर्माण
किसी कुंडली के बारह भाव में किसी भी भाग के आगे पीछे यदि दो शुभ ग्रह होते हैं तो इस भाव की सुविधा बढ़ती है। ऐसे में शुभ कर्तरी योग का निर्माण होता है।
शुभ कर्तरी योग के लाभ
शुभ कर्तरी योग का निर्माण होने के साथ ही जातक को प्रतिष्ठित जीवन का लाभ मिलता है। इसके साथ ही मान सम्मान यश की प्राप्ति होती है। स्वास्थ्य उत्तम रहता है। गंभीर बीमारी से वंचित रहते हैं। इसके साथ ही जातक के वैवाहिक जीवन खुशहाल रहते हैं। सातवें भाव में कर्तरी योग का लाभ इनके जीवन में वैवाहिक सुख लिखते हैं। वही धन भाव में कर्तरी योग होने से जातक को राजा जैसे विलासिता पूर्ण जीवन जीने इच्छा पूरी होती है।
शुक्र ग्रह से राजयोग का लाभ
- शुक्र के योग से कई राजयोग का निर्माण होता है। कुंडली में यदि शुक्र अश्विनी नक्षत्र में स्थित है और लग्न में बैठा हो तो शुक्र पर किसी तीन शुभ ग्रहों की दृष्टि के साथ ही जातक राजयोग को प्राप्त होता है। उच्च श्रेणी के राजा होने के साथ ही सदैव उसकी विजय निश्चित रहती है।
- इसके अलावा लग्नेश बलवान होने के साथ ही सूर्य के साथ द्वितीय स्थान में स्थित हो और लग्नेश और शुक्र इन तीनों की शत्रु राशि-नीच राशि में नहीं रहे तो जातक को महत्वपूर्ण लाभ मिलता है।
- गुरु शनि और शुक्र मीन राशि में रहने के साथ ही चंद्रमा पूर्णिमा का हो और उच्च राशि में हो जग्गू शुक्र के योग से राजयोग का लाभ मिलता है।
शुक्र के योग से बनने वाले राजयोग का प्रभाव
शुक्र के योग से बनने वाले राजयोग से जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं। धन का लाभ मिलने के साथ ही निवेश में अच्छा मुनाफा होता है। प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। उच्च प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्ति होती है। राजदूत सेना के सेनापति और उच्च अधिकारी सहित राज्य के उच्च पद पर पदस्थ होते हैं।