Rahu Ketu Nakshatra Parivartan : शनि देव हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता है, जिनका प्रभाव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार मिलता है। इनके ग्रहण की प्रक्रिया को कालसर्प दोष या शनि साड़े साति कहा जाता है। बता दें कि शनि देव को कर्म का प्रतीक माना जाता है। वहीं, राहु और केतु को भी खतरनार ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, क्योंकि ये ग्रह सूर्य और चंद्रमा की रोशनी को छूने में सक्षम नहीं होते हैं और इनकी गति वक्री (उल्टी चाल) होती है। इसी कड़ी में दोनों नक्षत्र परिवर्तन कर चुके हैं। जिनका इन राशियों पर बुरा प्रभाव पड़ने वाला है। आइए जानते हैं विस्तार से…
मिथुन राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव?
राहु और केतु का नक्षत्र परिवर्तन मिथुन राशि के लोगों के लिए बहुत ही भारी पढ़ने वाला है। इस दौरान वैवाहिक जीवन मैं बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे रिश्ते में दूरी और कड़वाहट पैदा हो सकती है। व्यापार में बहुत ज्यादा ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। यदि इस महीने आप कहीं पर धन निवेश करने का सोच रहे हैं, तो यह बहुत ही अशुभ समय है। आपको बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें अन्यथा बेवजह वाद-विवाद हो सकता है।
सिंह राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव?
सिंह राशि के जातकों के लिए राहु और केतु का नक्षत्र परिवर्तन बहुत बुरा ही होने वाला है। इस दौरान आपके बने-बनाए काम बिगड़ सकते हैं। साथ ही आपके खर्चे में वृद्धि होगी और इनकम लिमिटेड रहेगा। जिस कारण आपका मानसिक तनाव बढ़ सकता है और इसका प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर देखने को मिलेगा घर में कल की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
धनु राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव?
राहु और केतु का नक्षत्र परिवर्तन धनु राशि के लिए बहुत ही अशुभ साबित होने वाला है। इस दौरान लोगों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। घर में किसी भी सदस्य की तबीयत अचानक से बिगड़ सकती है, जिससे आपका मन अस्थिर रहेगा। काम ना हो तो घर से बाहर निकलने से बचें। गाड़ी ड्राइव करते समय बहुत ही सतर्क रहें। अन्यथा कोई अशुभ घटना घट सकती है। छात्रों के लिए या समय बहुत ही बड़ा रहने वाला है। इसलिए मन लगाकर ध्यानपूर्वक पढ़ाई करने की जरूरत है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)