Double Akhand Samrajya Rajyog : वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों में ग्रहों के राजा सूर्य का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है और जब भी सूर्य गोचर या राशि परिवर्तन करते हो तो इसका असर सभी राशियों पर पड़ता है। हाल ही में सूर्य देव ने अपनी स्वराशि सिंह में प्रवेश किया है, गोचर के बाद वे नवांश कुंडली में उच्च अवस्था में आ गए हैं, जिससे डबल अखंड साम्राज्य राजयोग बन गया है।
कब बनता है कुंडली में अखंड साम्राज्य राजयोग
- ज्योतिष में इस राजयोग का बड़ा महत्व माना गया है। यह योग केवल उन कुंडलियों में बनता है जो स्थिर लग्न वाली होती हैं और स्थिर लग्न वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ होते हैं। यह योग तब भी बनता है जब बृहस्पति दूसरे, 5वें या 11 वें घर का स्वामी होता है।वही कुंडली में बृहस्पति वृषभ लग्न के लिए एकादश भाव, सिंह लग्न के लिए पंचम भाव, वृश्चिक लग्न के लिए दूसरा और पांचवां भाव और कुंभ लग्न के लिए दूसरा और ग्यारहवें भाव का कारक माना जाता है।
- ज्योतिष के अनुसार, यदि कुंडली के दूसरे, नौवें और ग्यारहवें घर में बृहस्पति मजबूत चंद्रमा के साथ स्थित है तो अखंड साम्राज्य योग बनता है।यह दुर्लभ योग तभी बनता है जब कुंडली के दूसरे, दशवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी एक साथ केंद्र में स्थित हो।
- माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग बनता है, उसका भाग्य प्रबल होता है, उस जातक पर मां लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है। वह दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करता है, ऐसे व्यक्तियों के जीवन में हर सुख सुविधा मिलती है।इससे राजनेता बनने के भी योग बनते है।
इन राशियों के लिए लकी होगा राजयोग
मेष राशि : डबल अखंड साम्राज्य राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। मान- सम्मान बढ़ेगा। पैसा प्रतिष्ठा की प्राप्ति के योग बनेंगे। आकस्मिक धनलाभ के आसार है। अटका या फंसा हुआ पैसा वापस मिल सकता है। भाग्य आपका साथ देगा। बिगड़े काम बन सकते है।
तुला राशि : डबल अखंड साम्राज्य राजयोग लकी साबित हो सकता है। बेरोजगारों के लिए समय बहुत ही अनूकल रहेगा। नौकरी के प्रस्ताव आ सकते है। नौकरीपेशा के लिए पदोन्नति और इंक्रीमेंट के योग बन सकते है। संतान प्राप्ति का शुभ समाचार मिल सकता है। मान- सम्मान और प्रतिष्ठा मिलने के आसार है। आय में इजाफा होगा।
कर्क राशि : डबल अखंड साम्राज्य राजयोग लाभकारी साबित होने वाला है। व्यापारियों के लिए समय अनुकूल है। व्यापार में लाभ और तरक्की के प्रबल संकेत है। पुराने निवेश से लाभ मिल सकता है। अच्छे ऑर्डर मिलने से लाभ हो सकता है। कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। साथ ही इस दौरान यात्रा भी योग बन रहा है।
शनि और सूर्य का मिलन
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य के सिंह राशि और शनि के कुंभ राशि में विराजमान होने से समसप्तक योग बन रहा है।चुंकी सूर्य-शनि के बीच पिता-पुत्र का संबंध है, लेकिन दोनों के बीच शत्रुता का भाव है, ऐसे में इन दोनों ग्रहों के मिलने से 3 राशियों को बहुत लाभ मिलने वाला है।
ऐसे बनता है कुंडली में समसप्तक राजयोग
ज्योतिष के मुताबिक, जब कोई दो ग्रह एक-दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक योग निर्मित होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो जब ग्रह आपस में अपनी सातवीं पूर्ण दृष्टि से एक-दूसरे को देखते हैं तब समसप्तक योग बनता है। ज्योतिष में शनि और मंगल दोनों को ही पापी ग्रह की संज्ञा दी गई है और एक-दूसरे से सातवें स्थान पर होने पर ये दोनों ही ग्रह अशुभ परिणाम देते हैं। मंगल को अग्नि का कारक माना जाता है, वही सिंह राशि को भी अग्नि तत्व की राशि माना जाता है।
मेष राशि : शनि और सूर्य के साथ आने से जातकों को बहुत लाभ मिलने के योग है। व्यापारियों के लिए समय बहुत ही शुभ रहने वाला है। करियर और शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता मिल सकती है। शनि सूर्य से आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी लेकिन एक समय अंतराल के बाद अपार धन लाभ हो सकता है। बिजनेस में तरक्की के योग बन सकते है। निवेश के लिए समय अनुकूल है, सावधानी से निवेश कर सकते है।
सिंह राशि : शनि और सूर्य के साथ आने और समसप्तक राजयोग बनने से जातकों को अच्छा लाभ मिलने के प्रबल योग है।कार्यों में सफलता मिलेगी। लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होने के आसार है। अचानक धन लाभ हो सकता है। नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा, बड़े अधिकारियों से शबासी और तारीफ सुनने को मिल सकती है। प्रमोशन और इंक्रीमेंट के भी योग बनेंगे।
कर्क राशि : समसप्तक योग जातकों के लिए शुभ और फलदायी साबित हो सकता है। जातकों को कोई अच्छी खबर मिल सकती है। परिवार में किसी नए व्यक्ति का आगमन हो सकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए समय अनुकूल रहेगा। परिणाम में सफलता मिल सकती है। नया बिजनेस की शुरुआत की सोच रहे है तो समय उत्तम है, सफलता मिलने के योग है। पैतृक संपत्ति को लेकर कोई विवाद चल रहा है तो फैसला आपके पक्ष में हो सकता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)