Rajyog : जून में शनि चलेंगे उल्टी चाल, बनेगा ये खास राजयोग, 3 राशियों के लकी, सफलता-पदोन्नति के योग, इन्हें रहना होगा सतर्क

Pooja Khodani
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Kendra Trikon Rajyog : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह अवधि के बाद अपनी चाल बदलते हैं, इसके प्रभाव से सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव नजर आते हैं। इसी बीच कर्म और न्याय के देवता शनि देव वक्री स्थिति में जाने की तैयारी में हैं। इन दिनों न्याय के देवता शनि देव स्व यानी अपनी राशि कुंभ में हैं। अगले 2 साल तक वे इसी राशि में रहेंगे। अब वे 17 जून 2023 को रात 10 बजकर 48 मिनट पर कुंभ राशि में रहते हुए वक्री होंगे और कुंभ राशि में सीधी चाल से केंद्र त्रिकोण राजयोग बनाएंगे।

इसके साथ ही 4 नवंबर तक कुंभ राशि में शनि उल्टी चाल में रहेंगे। वहीं अन्य ग्रहों के राशि परिवर्तन के साथ ही वक्री शनि केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण करेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र मे शनि ग्रह कर्मफलदाता और न्याय के कारक माने जाते हैं। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, यह किसी एक राशि में करीब ढाई सालों तक रहते हैं, इसकी चाल बदलने से सभी राशियों के जातकों पर भी असर होता है।

वक्री शनि के प्रभाव

शनिदेव उल्टी चाल चलते हैं तो उसे वक्री शनि कहा जाता है। पृथ्वी से देखने पर शनि उल्टी दिशा में चलते हुए दिखाई देते हैं। भौगोलिक रूप से शनि की गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है। एक तरफ जहां वक्री शनि की अवस्था के साथ ही ‘केंद्र त्रिकोण राजयोग’ का निर्माण हो रहा है।

क्या है केंद्र त्रिकोण राजयोग

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में जब 3 केंद्र भाव जैसे 3, 4, 7 10 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 आपस में युति निर्मित करते हैं अथवा दृष्टि संबंध और राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है। माता लक्ष्मी को त्रिकोण भाव की देवी की मान्यता दी गई है। वहीं भगवान विष्णु को केंद्र भाव के देवता के रूप में विराजमान किया गया। ऐसे में केंद्र त्रिकोण राजयोग में यदि नवम भाव उच्च का हो तो जातकों के लिए शुभ लक्ष्मी योग का निर्माण होता है। इससे धन निवेश, स्वास्थ्य लाभ, नौकरी प्रतिष्ठा का लाभ मिलता है।

इन राशियों के लिए लकी

वृष राशि : शनि की उल्टी चाल से बनने जा रहे केंद्र त्रिकोण राजयोग बेहद फल देने वाला साबित हो सकता है। शनिदेव आपकी राशि के स्वामी शुक्र के मित्र हैं। ऐसे में वृषभ राशि के दशम भाव में वक्री होकर गोचर करने से इन लोगों को लाभ मिलेगा। व्यवसाय सहित नौकरी और रोजगार में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। निवेश से लाभ मिल सकता है। नई नौकरी के ऑफर आ सकते हैं। आय में भी बढ़ोत्तरी के संकेत है। ऑफिस में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। आपसे आपके अधिकारी खुश रहेंगे। आपको जीवन में बहुत लाभ प्राप्त होगा और कोई नई संपत्ति खरीद सकते हैं।

सिंह राशि : शनि की उल्टी चाल सिंह राशि वाले लोगों के लिए शुभ साबित होगा। आकस्मिक धन लाभ और रुके हुए काम पूरे होंगे। बिजनेस से संबंधित कोई डील फाइनल हो सकती है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में भी सफलता मिलेगी। व्यापार के लिए अनुकूल समय है। नौकरी से जुड़े लोगों को प्रमोशन और इंक्रीमेंट मिलने के योग हैं, इस योग में आपको समाज में मान-सम्मान प्राप्त होगा। शनि आपकी गोचर कुंडली में सप्तम भाव में केंद्र और शश राजयोग का निर्माण करेंगे। रोजगार के प्रयास में सफलता मिलेगी। पुराने रोग से भी मुक्ति मिल सकती है। व्यापार में महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा।

तुला राशि : तुला राशि वाले के लिए शनि की वक्री अवस्था में निर्मित त्रिकोण राजयोग बेहद लाभकारी है। संतान पक्ष से सफलता मिलेगी। निवेश के लिए अनुकूल समय है। करियर में तरक्की मिल सकती है। बैंकिंग- निवेश में लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में भी सफलता के संकेत हैं। कार्यस्थल में आपके काम से प्रसन्न होकर उच्च अधिकारी कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंफ सकते हैं। भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है।

इन राशियों को रहना होगा सतर्क

कर्क राशि : शनि की उल्टी चाल से सतर्क रहने की आवश्यकता है। खासतौर पर इन्हें सेहत से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है। वाहन चलाते समय अलर्ट रहें। दुर्घटना के योग बनेंगे। जीवन में किसी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। बिजनेस करने वालों के लिए उन्नति के योग बनेंगे।

कुंभ राशि : शनि की उल्टी चाल से कुंभ राशि के लोगों का मानसिक तनाव बढ़ेगा। इस समय किसी भी तरह का निर्णय लेने से बचें। यह निर्णय भविष्य में पछतावे का कारण बन सकता है। सेहत को लेकर भी आपको सतर्क रहने की जरूरत रहेगी। मैरिड लाइफ में भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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