Rajyog 2023 : जून में शनि चलेंगे उल्टी चाल, सालों बाद बनेंगे 3 बड़े राजयोग, इन 6 राशियों की चमकेगी किस्मत, बरसेगी कृपा

Pooja Khodani
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Kendra Trikon/Dhan/Shash Mahapurush Rajyog :  वैदिक ज्योतिष शास्त्र मे शनि ग्रह कर्मफलदाता और न्याय के कारक माने जाते हैं। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, यह किसी एक राशि में करीब ढाई सालों तक रहते हैं, इसकी चाल बदलने से सभी राशियों के जातकों पर भी असर होता है।इसी कड़ी में अब 17 जून को न्याय के देवता शनिदेव एक बार फिर अपनी चाल बदलने जा रहे है, जिससे एक साथ कई राजयोग का निर्माण होगा और इसका राशियों पर भी प्रभाव पड़ेगा।

17 जून को एक साथ बनेंगे 3 राजयोग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,  शनि17 जून 2023 की रात 10 बजकर 48 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री अवस्था में आ जाएंगे। इसके बाद कुंभ राशि में 4 नवंबर, 2023 की सुबह 8 बजकर 26 मिनट तक वक्री रहकर एक बार पुनः मार्गी अवस्था में आ जाएंगे। वर्तमान में शनि अपनी स्वराशि कुंभ राशि में विराजमान है।  शनि इस राशि में साल 2025 तक रहेंगे फिर इसके बाद मीन राशि के यात्रा पर होंगे। शनि के कुंभ राशि में होने से शश महापुरुष राजयोग का निर्माण होगा। वही कुंभ राशि में सीधी चाल से केंद्र त्रिकोण राजयोग भी बनाएंगे।वही शनि वक्री के कारण 20 साल बाद धन राजयोग का भी निर्माण होगा, जिससे जातकों को बड़ा लाभ मिलेगा।

क्या होता है वक्री होना

शनिदेव उल्टी चाल चलते हैं तो उसे वक्री शनि कहा जाता है। पृथ्वी से देखने पर शनि उल्टी दिशा में चलते हुए दिखाई देते हैं। भौगोलिक रूप से शनि की गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है। एक तरफ जहां वक्री शनि की अवस्था के साथ ही ‘केंद्र त्रिकोण राजयोग’ का निर्माण हो रहा है।

ज्योतिष में शश महापुरुष योग

ज्योतिष शास्त्र में शश महापुरुष योग को बहुत ही शुभ योग माना जाता है। यह शुभ योग शनिदेव से संबंधित होता है। शनि ग्रह की वजह से बनया यह शश महापुरुष योग पंच महायोग में एक योग होता है। किसी जातक की कुंडली में शश महापुरुष योग तब बनता है जब शनि लग्न या फिर चंद्रमा से केंद्र के भावों में मौजूद हो या फिर शनि लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में तुला, मकर और कुंभ राशि में स्थित होता है तब इस तरह का योगों का निर्माण होता है। वही शनिदेव कुंभ राशि में मौजूद होने के साथ अपनी मूल त्रिकोण राशि में भी है। शनि के मूल त्रिकोण राशि में होना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है।

क्या है केंद्र त्रिकोण राजयोग

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में जब 3 केंद्र भाव जैसे 3, 4, 7 10 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 आपस में युति निर्मित करते हैं अथवा दृष्टि संबंध और राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है। माता लक्ष्मी को त्रिकोण भाव की देवी की मान्यता दी गई है। वहीं भगवान विष्णु को केंद्र भाव के देवता के रूप में विराजमान किया गया। ऐसे में केंद्र त्रिकोण राजयोग में यदि नवम भाव उच्च का हो तो जातकों के लिए शुभ लक्ष्मी योग का निर्माण होता है। इससे धन निवेश, स्वास्थ्य लाभ, नौकरी प्रतिष्ठा का लाभ मिलता है।

क्या होता है धन राजयोग

लग्न कुंडली में द्वितीय भाव पंचम भाव नवम भाव और एकादश भाव और उनके स्वामी कुंडली से जुड़ा हो तो धन राजयोग का निर्माण होता है। कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी एकादश भाव में और एकादश भाव के स्वामी द्वितीय भाव में हो, तभी धन योग का निर्माण होता है। जन्म कुंडली के दूसरे घर को वित्त के घर के रूप में जाना जाता है और ग्यारहवें घर वित्तीय लाभ का घर होता है। ऐसे में दोनों घरों के बीच के संबंध को धन राजयोग माना जाता है।

जानिए किस राशि पर पड़ेगा प्रभाव

वृषभ राशि : केंद्र त्रिकोण राजयोग बेहद फल देने वाला साबित हो सकता है। शनिदेव आपकी राशि के स्वामी शुक्र के मित्र हैं।  जातकों के जीवन में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव आने के संकेत है। लोग मनचाही नौकरी मिलने की प्रबल संभावनाएं हैं। हालांकि, इस दौरान कार्यक्षेत्र में काम का दबाव कुछ ज्यादा हो सकता है। नए कार्य सौंपे जा सकते हैं। व्यवसाय सहित नौकरी और रोजगार में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। निवेश से लाभ मिल सकता है। नई नौकरी के ऑफर आ सकते हैं। आय में भी वृद्धि के संकेत है। ऑफिस में नई जिम्मेदारी मिल सकती है।कोई नई संपत्ति खरीद सकते हैं।

मेष राशि : केंद्र त्रिकोण राजयोग जातकों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। धन लाभ के साथ पदोन्नति मिल सकती है। लंबे समय से चली आ रही समस्या से भी निजात मिल सकती है।व्यापार में सफलता के साथ अधिक मुनाफा हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बीत सकता है। कार्यक्षेत्र में पदोन्नति के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आपकी पैसों से संबंधित समस्याएं दूर हो जाएंगी। आकस्मिक धनलाभ के भी योग बन रहे हैं।

कुंभ राशि : शश राजयोग बनना कुंभ राशि के जातकों को लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। आपके चेहरे पर एक अलग ही तेज देखने को मिलेगा। आपके बड़े- बड़े लोगों से संबंध बनेंगे। वहीं जो काम बहुत दिनों से रुके हुए थे वो बनने लगेंगे। जीवनसाथी की इस अवधि में तरक्की हो सकती है। वहीं इस समय आपको पार्टनरशिप के काम में अच्छी सफलता मिल सकती है।

सिंह राशि : जातकों के लिए शश राजयोग का बनना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। परिवार की सभी सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ अच्छे संबंध साझा करेंगे। अविवाहितों के लिए रिश्ते के प्रस्ताव आ सकते है। इस समय आप पार्टनरशिप का काम भी शुरू कर सकते हैं। वही कोर्ट- कचहरी के मामलों में विजय मिल सकती है।वही केन्द्र त्रिकोण योग से आकस्मिक धन लाभ और रुके हुए काम पूरे होंगे। बिजनेस और कोर्ट-कचहरी के मामलों में भी लाभ मिलेगा। प्रमोशन और इंक्रीमेंट मिलने के योग हैं। रोजगार के प्रयास में सफलता मिलेगी। पुराने रोग से भी मुक्ति मिल सकती है।

वृश्चिक राशि : शश राजयोग आर्थिक और प्रापर्टी मामलों में लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आप वाहन और प्रापर्टी खरीदने के लिए अनुकूल समय है। पैतृक प्रापर्टी का लाभ मिल सकता है। रियल स्टेट, जमीन- जायदाद, या शनि ग्रह से संबंधित काम करने वाले लोगों के लिए यह समय शानदार साबित हो सकता है। वहीं अगर आप नौकरपेशा हैं तो आपको नौकरी के अच्छे- अच्छे ऑफर आ सकते हैं।

तुला राशि : तुला राशि वाले के लिए शनि की वक्री अवस्था में निर्मित त्रिकोण राजयोग बेहद लाभकारी है। संतान पक्ष से सफलता मिलेगी। निवेश के लिए अनुकूल समय है। करियर में तरक्की मिल सकती है। बैंकिंग- निवेश में लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में भी सफलता के संकेत हैं। कार्यस्थल में आपके काम से प्रसन्न होकर उच्च अधिकारी कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंफ सकते हैं। भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है।

 

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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