Rajyog, Sun Transit 2023, Surya Gochar, Astrology : ग्रहों के राशि परिवर्तन से लगातार महत्वपूर्ण योग का निर्माण हो रहा है। वही लगातार राशि परिवर्तन का असर देखने को मिल रहा है। कई जातकों के भविष्य पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव नजर आ रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर से सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। वर्तमान में सूर्य वृषभ राशि में विराजमान है लेकिन जल्द सूर्य का परिवर्तन मिथुन राशि में देखने को मिलेगा।
मिथुन राशि में सूर्य का गोचर
सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। 15 जून 2023 को शाम 6:07 पर मिथुन राशि में सूर्य का गोचर होगा। सूर्य मिथुन राशि में 16 जुलाई 2023 को सुबह 4:59 तक रहेंगे। इसके बाद कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। मिथुन राशि में सूर्य क राशि परिवर्तन कई राशियों के लिए बेहद खास माना जा रहा है। वहीं कुछ राशियों को नुकसान भी होना है।
सूर्य शुक्र शासित वृषभ राशि को छोड़कर बुध शासित मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। मिथुन राशि में सूर्य 1 महीने तक रहेंगे। वही वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य नीच अवस्था में हो तो जातक को स्वास्थ संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है जबकि आंखों की समस्या और नौकरी में चुनौती का सामना करना पड़ता है। सूर्य के मान सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। बाधाओं का सामना करते हैं और साथ ही राजनीतिक विषयों को अधिक महत्व देते हैं।
सूर्य का गोचर
मिथुन राशि के स्वामी बुध है। बुध एक द्विस्वभाव राशि और वायु तत्व की राशि है और सूर्य देव अग्नि तत्व है। सूर्य एक अग्नि तत्व प्रधान गया है। ऐसे में अग्नि तत्व का प्रवेश वायु तत्व की राशि में होगा तो गर्म हवाओं के प्रभाव पड़ेंगे। वातावरण में गर्मी का प्रभाव दिखेगा। इसके साथ ही सूर्य बुध की राशि में आते हैं तो यह अपने उत्तरायण की यात्रा की समाप्ति पर होते हैं क्योंकि मकर से मिथुन तक सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और कर्क से लेकर धनु तक यह दक्षिणायन हो जाते हैं। इसके अलावा बुद्ध, बुद्धि प्रदान करते हैं और सूर्य का गोचर बुद्ध में काल चक्र की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है।
इनको मिलेगा लाभ
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी है। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होने चाहिए। तृतीय भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में यात्रा के योग बनेंगे। छोटी यात्राएं हो सकती है। साहस पराक्रम में वृद्धि होगी। नेतृत्व क्षमता में बढ़ोतरी होगी। प्रशासन का सहयोग मिलेगा। उन्नति मिलेगी। भाई-बहन का तालमेल बैठेगा। इसके साथ ही सभी बातों को ध्यान पूर्वक समझेंगे और उसे महत्व देंगे। संचार तंत्र के माध्यम से महत्वपूर्ण लाभ मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही संबंध बेहतर होंगे।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य अपनी चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और गोचर के दौरान सूर्य की राशि के दूसरे भाव में आएंगे। ऐसे में गोचर काल के दौरान सूर्य की राशि के दूसरे भाव में विराजमान हो गया।इस लिहाज से आमदनी बढ़ने की संभावना है। किसी प्रॉपर्टी और जमीन में निवेश कर सकते हैं। अच्छा फायदा मिलेगा। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सेहत का ध्यान रखना होगा। दांपत्य जीवन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव नजर आ सकते हैं। सलाह मशवरा से काम बनेंगे।
सिंह
सिंह राशि के जातक के लिए सूर्य प्रथम भाव के स्वामी हैं और राशि के एकादश भाव में रहेंगे। सिंह राशि वालों के लिए सूर्य के गोचर स्थिति निर्मित हो गई। आर्थिक जीवन में अनेक स्रोतों से धन लाभ होगा। आमदनी में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी। मान सम्मान की प्राप्ति होगी। प्रेम संबंध भी उत्तम रहेंगे। रिश्तो में आ रही गलतफहमी दूर होगी। स्वभाव से जिद्दी हो सकते हैं। हालांकि पारिवारिक जीवन में दोस्त और प्रिय जनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। नौकरी पेशा हो रहे जातकों के लिए प्रमोशन के आसार नजर आ रहे हैं।
तुला
तुला राशि के जातक के लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी हैं और राशि के नवम भाव में रहेंगे। ऐसे में इस अवधि के दौरान आय में वृद्धि होगी। सूर्य देव की कृपा से भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। पारिवारिक जीवन में पिता का सहयोग मिलेगा। कार्य क्षेत्र में किसी कार्य से जुड़े कोई लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। इस यात्रा में अच्छा मुनाफा मिलेगा। इसके साथ ही सूर्य का गोचर रुझान धार्मिक कार्यों की ओर बढ़ सकता है। धार्मिक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
मकर
मकर राशि के जातक के लिए सूर्य अष्टम भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि के छठे भाव में विराजमान है। ऐसे में हर कार्य को पूरा करने के लिए तेजी से मेहनत की आवश्यकता होगी।अत्यधिक ऊर्जा से काम पूरा होगा। ऊर्जावान रहेंगे। कार्य स्तर पर हर कार्य से फुर्ती से दिखाई देंगे।फुर्ती और रफ्तार देकर सहकर्मी आपसे कुछ नाराज हो सकते हैं। कार्य क्षेत्र में साहस और आत्मविश्वास को बनाए रखना आवश्यक होगा। नकारात्मक विचार को अपने ऊपर हावी ना होने दें।