Mars Transit, मंगल गोचर, Ruchak Rajyog : अक्टूबर में एक बार फिर से बड़ा राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा। 3 अक्टूबर को मंगल देव राशि गोचर करेंगे। कुंडली में मंगल मजबूत रहने पर करियर और कारोबार में सफलता हासिल होती है। वही मंगल देव वर्तमान में कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं जबकि 3 अक्टूबर को उनका राशि परिवर्तन होगा और वह तुला राशि में गोचर करेंगे।
मंगल के राशि परिवर्तन के साथ ही रुचक राजयोग का निर्माण होगा। 3 अक्टूबर को कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करने के साथ ही मंगल तीन राशियों को सर्वाधिक लाभ देने वाले हैं। 3 अक्टूबर संध्याकाल 5:58 पर कन्या राशि से निकलकर मंगल तुला राशि में गोचर करेंगे। इसके साथ ही स्वाति नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 1 नवंबर को मंगल का प्रवेश विशाखा नक्षत्र में होगा और 16 नवंबर को एक बार पुनः राशि परिवर्तन कर मंगल वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
तीन राशियों को सर्वाधिक लाभ
मंगल
मंगल राशि परिवर्तन से मेष राशि को महत्वपूर्ण लाभ होने वाला है। मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। ऐसे में जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। वही तुला राशि में गोचर करने से जातक को धन लाभ सहित तरक्की के योग मिलेंगे। राहु की वजह से गुरु चांडाल दोष के कारण अब तक मेष राशि को कई परेशानी का सामना करना पड़ा था। जिससे उन्हें राहत मिलेगी। वहीं 30 अक्टूबर के बाद मेष राशि के जातकों को गुरु चांडाल योग से भी राहत मिलने वाली है।
तुला
वही तुला राशि के जातकों के लिए भी मंगल का गोचर बेहद शुभ माना जा रहा है।वर्तमान समय में गुरु तुला राशि में सप्तम भाव में विराजमान है। वही 3 अक्टूबर को मंगल भी तुला राशि में प्रवेश करें।गे गुरु और मंगल के कारण करियर और कारोबार में बेहतरीन सफलता मिलेगी। सम्मान, प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। आवेग में आकर कोई भी काम करने से काम बिगड़ सकता है। आने वाले समय बेहद शुभ माने जा रहे हैं।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वाले को भी मंगल के गोचर से महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है। ऐसे में वृश्चिक राशि के जातक की मन चाहे मुराद पूरी होगी। कारोबार में तरक्की होने सहित धन लाभ के योग मिलेंगे। रुका हुआ धन भी वापस आ सकता है।
रुचक राजयोग का निर्माण
मंगल की परिवर्तन से रूचक राजयोग का भी निर्माण होगा। जन्म कुंडली में रूचक राजयोग का निर्माण तब होता है, जब मंगल लग्न या चंद्रमा से पहले चौथे सातवें या दसवें भाव में मेष वृश्चिक और मकर राशि में स्थित हो।
राजयोग का लाभ
- यदि कुंडली के पहले घर में राजयोग का निर्माण होता है तो शारीरिक बल, बुद्धि, स्वास्थ्य, पराक्रम में वृद्धि होती है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन सुख में रहते हैं।
- यदि कुंडली के चौथे और सातवें घर में इस योग का निर्माण हो तो वैवाहिक सुख, व्यावसायिक सफलता सहित प्रतिष्ठा, मान सम्मान में वृद्धि होती है।
- वही कुंडली के दसवें घर में इस योग का निर्माण होने पर नौकरी में तरक्की सहित सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि, उच्च प्रतिष्ठित नेता के रूप में जातक प्रसिद्ध होते हैं।
(Disclaimer : यह जानकारी ज्योतिषीय गणना और योग शास्त्र के आधार पर है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह और नीति नियम के लिए अपने ज्योतिषाचार्य से संपर्क अवश्य करें।)