कुंडली के इस भाव में मौजूद मंगल बना देता है जीवन को नरक से बदतर, झेलनी पड़ती है ये समस्या

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Mangal Dosh Ke Effects

Mangal Dosh Ke Effects : कुंडली में मौजूद ग्रह है व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। अगर कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर हो तो जीवन नरक से बदतर बन जाता है। लेकिन अगर अच्छे स्थान पर हो तो व्यक्ति जीवन में हर सुखों की प्राप्ति करता है। आज हम आपको कुंडली में मौजूद मंगल ग्रह के बारे में बताने जा रहे हैं। ज्योतिषों के मुताबिक, अगर कुंडली में मंगल ग्रह 1,2,4,7,8 या 12 वें घर में हो ऐसे व्यक्ति को मंगल दोष होता है। ऐसे में जातकों का जीवन नरक की तरह बन जाता है। जीवन में कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है। हर भाव की स्थिति का असर अलग-अलग होता है।

इतना ही नहीं मंगल ग्रह के बुरे परिणाम मांगलिक कार्य में भी रोक लगाते हैं। जीवन समस्याओं से घिर जाता है। ज्योतिषों का मानना है कि मंगल जिस घर में बैठा हो उसके हिसाब से व्यक्ति को कष्ट झेलना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष हो तो उसे विवाह में देरी, कलह, पारिवारिक कलह, व्यवसाय में हानि आदि जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मंगल ग्रह की वजह से क्या-क्या यातनाएं जातकों को झेलनी पड़ती है और इसको सही करने के क्या उपाय है, चलिए जानते हैं –

मंगल दोष के दुष्प्रभाव

कुंडली में मंगल पहले घर में हो तो जीवन में कई तरह की समस्या जातकों को झेलना पड़ती है। इससे वैवाहिक जीवन में भी समस्या उत्पन्न होती है। साथ ही जीवनसाथी की मृत्यु, शादी टूटने और कलह का डर भी बना रहता है।

कुंडली में मंगल दूसरे भाव में हो तो पारिवारिक जीवन समस्याओं से घिर जाता है। कई समस्या जीवन में झेलनी पड़ती है। जीवन में उछल-पुथल बना रहता है।

कुंडली में मंगल चतुर्थ भाव में हो तो व्यावसायिक जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता। नौकरी में बदलाव, स्थानांतरण आदि दिक्कतों का सामना जातकों को करना पड़ता है। आर्थिक तंगी भी झेलना पड़ती है।

कुंडली में मंगल सातवें भाव में हो तो जातक जीवन में चिड़चिड़ा, गुस्सैल, उदास रहता है। इसे व्यवहार में भी बदलाव होता है। परिवार में भी कलह बना रहता है।

कुंडली में मंगल आठवें भाव में हो तो व्यक्ति आलसी होता है। आर्थिक समस्याओं का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है। साथ ही पैतृक संपत्ति से भी उस जातक को फायदा नहीं होता है।

अगर कुंडली में मंगल 12वें भाव में हो तो जातकों के दुश्मन बहुत सारे रहते हैं। अशांति और मानसिक परेशानियां भी जीवन में जातकों को झेलना पड़ती है। जीवन नरक से कम नहीं होता।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Ayushi Jain

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