Papakartari Yog 2023 : जुलाई महीने में ग्रहों के गोचर और दो ग्रहों की युति से राजयोग के निर्माण का सिलसिला जारी है। वैदिक ज्योतिष अनुसार ग्रह समय- समय पर गोचर करके शुभ और अशुभ योगों का निर्माण करते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और पृथ्वी पर भी देखने को मिलता है। इसी बीच ग्रहों की चाल बदलने से बेहद अशुभ चतुर्गुण पापकर्तरी योग बन गया है, जो कई जातकों पर विपरित प्रभाव डाल सकता है। ज्योतिष शास्त्र में पापकर्तरी योग को बहुत ही अशुभ माना जाता है, यह जिस जातक की कुंडली में होता है उसे संघर्षमय व कष्टप्रद जीवन जीना पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार, यह योग तब बनता है, जब 4 राशियां, 4 पापी ग्रहों के बीच में फंस जाती हैं और चारों राशियों के स्वामी पापी ग्रहों के साथ हैं। कर्तरी को एक प्रकार से कैंची माना जा सकता है जो किसी भी चीज को काटने के काम आती है। उसी प्रकार पाप कर्तरी योग किसी भी ग्रह या भाव के फलों को काट देता है अर्थात उनके फलों में कमी कर देता है। कुंडली के पंचम भाव में गुरु बैठा है। इसके एक घर आगे अर्थात छठे भाव में पापी शनि बैठा हुआ है। एक भाव पीछे अर्थात चौथे भाव में पापी ग्रह मंगल और केतु बैठा हुआ है। इस तरह से कुंडली के पंचम भाव में पाप कर्तरी योग आ जाता है।
कैसे बनता है यह राजयोग
- ज्योतिष के अनुसार, कर्तरी संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है काटना। कर्तरी योग दो प्रकार का होता है शुभ कर्तरी और पाप कर्तरी। शुभ कर्तरी योग वह होता है, जब किसी भाव या फिर ग्रह के दोनों ओर अर्थात द्वितीय भाव और द्वादश भाव में केवल शुभ ग्रह विराजमान हों।
- पाप कर्तरी योग तब बनता है जब कुंडली के किसी भाव या ग्रह से द्वितीय और द्वादश दोनों ही भावों में अशुभ ग्रह विराजमान हों। जन्मपत्रिका में जब किसी भाव के दोनों ओर पाप ग्रह स्थित हों तो वे कैंची के समान उस भाव के फल को काट देते हैं, जिसे पापकर्तरी योग कहा जाता है। जब यह स्थिति शुभ भाव के दोनों ओर बनती है तो इसे विशेष अशुभ समझा जाता है।
इन 4 राशियों के लिए बेहद अशुभ
कर्क राशि : चतुर्गुण पापकर्तरी योग जातकों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। मंगल और सूर्य के बीच में चन्द्र अटक गए है, जो नकारात्मक प्रभाव डालेगा।स्वास्थ्य से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है। वाहन चलाने में सावधानी बरतें, कोई दुर्घटना होने के आसार है।माता के सेहत का भी ध्य़ान रखना चाहिए। व्यापारियों वर्ग के लिए प्रतिकूल समय है और आय पर इसका असर पड़ सकता है।
कन्या राशि : इस योग से जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। राशि के स्वामी बुध भले ही सूर्य के साथ मिलकर बुधादित्य योग है, सूर्य को क्रूर ग्रह माना गया है। वहीं कन्या राशि के एक तरफ मंगल है तो दूसऱी तरफ केतु ग्रह हैं, ऐसे में विपरित प्रभाव पड़ने के आसार है। चोट लग सकती है, कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसी को धन उधार देने से बचें। नया काम शुरू करने के लिए समय अच्छा नहीं है। नौकरीपेशा लोगों को भी सावधान करने की जरूरत है।
वृषभ राशि : चतुर्गुण पापकर्तरी योग अशुभ साबित हो सकता है। वृष राशि का स्वामी शुक्र कुछ दिन बाद मंगल के साथ युति बनाएंंगे। वहीं आपकी गोचर कुंडली के लग्न से सीधी तरफ पापी राहु ग्रह तो उल्टी तरफ क्रूर ग्रह सूर्य देव विराजमान हैं। सेहत को लेकर परेशानी हो सकती है। साथ ही आपको इस समय कोई नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। वहीं वाणी आपकी इस समय कठोर हो सकती है। इसलिए बहसबाजी से बचें।
मीन राशि : जातकों के लिए यह परेशानी खड़ी करने वाला योग साबित हो सकता है। स्वामी गुरु ग्रह राहु देव के साथ विराजमान हैं। वहीं शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है। वहीं मीन राशि के राइट साइड पर शनि हैं और लेफ्ट लाइड पर राहु ग्रह हैं।किसी बात को लेकर तनाव हो सकता है। धनहानि के योग भी बन रहे हैं। सेहत को लेकर परेशानी हो सकती है। वहीं घर- परिवार में आपका किसी के साथ वाद- विवाद हो सकता है। लगातार बहस से बचें।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)