Rajyog 2023, Surya Rashi Parivartan 2023, Astrology : हर ग्रह एक निश्चित समय अवधि के बाद अपनी राशि का परिवर्तन करते हैं। कई ग्रह राशियों के परिवर्तन में बेहद कम समय लेते हैं जबकि कुछ ग्रहों के लिए राशि परिवर्तन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। आज मंगल राशि का परिवर्तन कर रहे हैं। इसके साथ ही 15 मई को ग्रहों के राजा “सूर्य” राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य का राशि परिवर्तन कई राशियों के लिए बेहद खास माना जा रहा है।
सूर्य को अपने एक राशि चक्र को पूरा करने में करीब एक महीने का समय लगता है। इस बार सूर्य 15 मई को अपनी उच्च राशि मेष को छोड़कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य को ऊर्जा और रचनात्मक का कारक माना जाता है। सूर्य ग्रहण सुबह 11:32 पर 15 मई को वृषभ राशि में गोचर करेंगे। वही सूर्य वृषभ राशि में 15 जून को शाम 6:25 तक रहेंगे।
सूर्य का प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। वही सूर्य को आत्मा, अहंकार के कारक माने जाते हैं। कुंडली में सूर्य की स्थिति शुरू होने पर जीवन में सुख समृद्धि आती है। इसके साथ ही नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है साथ ही आत्मविश्वास के साथ समृद्धि का भी लाभ मिलता है।
सूर्य कमजोर होने पर देंगे नकारात्मक परिणाम
वही जब सूर्य कमजोर स्थिति में होते हैं तो वह इसके विपरीत परिणाम मिलते हैं। जातकों को भी ऊर्जा का हनन होता है। इसके साथ ही उनके स्वभाव में अहंकार दिखता है। साथ ही सफलता प्राप्त करने में दिक्कत आती है। सूर्य जब अपनी नीचे रास्ते में पहुंचते हैं तब उनके प्रभाव बेहद कम हो जाते हैं।
सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही शनि की वक्री अवस्था और गुरु के उदय के पीछे महाधन राजयोग, गजकेसरी योग सहित गजलक्ष्मी योग और षडाष्टक योग सहित कई योगों का लाभ जातकों को मिलेगा। इसके अलावा शश, हंस सहित महा पुरुष योग का लाभ भी जातकों को मिलेगा।
जानिए राशियों पर इनके प्रभाव
मेष
वृषभ राशि में सूर्य का गोचर जातकों को लाभ देने वाला है। धन का लाभ होगा। सूर्य उनके धन भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। अटके हुए धन की वापसी हो सकती है। साथ ही उन्हें नौकरी का लाभ मिल सकता है। मेहनत के पूरे परिणाम देखने को मिलेंगे। साथ ही मेष राशि के जातकों को शारीरिक धन में भी वृद्धि होगी।
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी हैं और ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में कर्क राशि वाले की हर इच्छा और आकांक्षा पूरी होगी। मनोवांछित फल मिलेंगे। आर्थिक स्थिति सही रहेगी। हर दिशाओं से धन आने के भी संभावना बढ़ रही है। आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही उनकी कुंडली में धनराज योग का भी निर्माण हो रहा है। महाधन राजयोग से कर्क राशि वाले के लिए बेहद अनुकूल परिणाम सामने आने वाले हैं। ग्यारहवें भाव के स्वामी शुक्र कुंडली में अनुकूल स्थिति में मौजूद हो तो आपको राजयोग का लाभ मिलेगा। प्रतिष्ठित लोगों के साथ उठने बैठने और संपर्क में रहने से कई काम बनेंगे। इस अवधि में जमीन और अन्य संपत्ति की खरीदारी कर सकते हैं। वाहन खरीदारी की योजना बना सकते हैं। सुख सुविधा में वृद्धि होगी।
सिंह
सूर्य सिंह राशि के लिए पहले भाव के स्वामी हैं और दसवें भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में सूर्य प्रबल परिणाम देंगे। सिंह राशि के कार्य क्षेत्र में मान सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो आप का चयन किसी अच्छी सरकारी सेवा में हो सकता है। यदि किसी निजी क्षेत्र की कंपनी में कार्य करें तो बड़े पद की प्राप्ति हो सकती है। मान सम्मान सुविधा का विस्तार मिलेगा। प्रतिष्ठा मजबूत होगी। सरकारी नौकरी के योग बनते नजर आ रहे हैं। विवाहित जीवन सुख में रहेगा।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी है। नौवें भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में उनका झुकाव धर्म के प्रति बनेगा। आस्था में वृद्धि होगी। धार्मिक ग्रंथों को जानने में रुचि लेंगे। पिता और गुरु से परामर्श लेंगे। पिता और गुरु आपके व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं। नौकरी पेशा जातकों को विदेश जाने का मौका मिल सकता है। कार्य क्षेत्र में मान सम्मान की प्राप्ति होगी।
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नवम भाव के स्वामी और छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में विरोधी के लिए आभारी रहेंगे। शत्रु कितने बड़े क्यों न हो, आप उनसे विजय प्राप्त कर सकते हैं। नौकरी में सफलता मिलेग। धन प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। ऐसे लोगों को सही राह दिखाएंगे। विजय प्राप्त करने में सक्षम रहेंगे। रचनात्मकता में वृद्धि होगी।
सूर्य के अशुभ परिणाम से बचे
- अगर आपके लिए सूर्य अशुभ प्रभाव लेकर आ रहे हैं तो इससे बचने का तरीका है कि एक पात्र रविवार के दिन एक चुटकी सिंदूर डालकर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- रोजाना सूर्य नमस्कार करें
- आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें
- पिता और पिता तुल्य सहित गुरु का सम्मान करें
- अपने घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें उसकी पूजा करें