Ruchak Rajyog, Astrology, Chakra yoga : कुंडली में ग्रह और गोचर का प्रभाव के जीवन पर पड़ता है। पंच महापुरुष राजयोग ऐसे ही 1 राजयोग के गुरु मंगल बुध शुक्र और शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही योग का असर भी देखने को मिलता है। इस 5 ग्रह में से कोई भी मूल त्रिकोणीय केंद्र में बैठे हो तो श्रेष्ठ परिणाम देते हैं।
गुरु मंगल बुध शुक्र और शनि इन पांच ग्रहों से मूलत्रिकोण होने पर पंच महापुरुष राजयोग का निर्माण होता है। मंगल का रूचक योग बुध का भद्र योग इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा गुरु का हंस योग, शुक्र का मालव्य योग और शनि का शश भी इसमें शामिल किया गया है।
रुचक राजयोग
मंगल 1 जुलाई को राशि परिवर्तन करेंगे। मंगल की राशि परिवर्तन के साथ ही रुचक राजयोग का लाभ जातकों को मिलेगा। यह योग मंगल से संबंधित है। आपकी कुंडली में मंगल लग्न में अथवा चंद्रमा के केंद्र के घर में स्थित हो तो रूचक राज योग का निर्माण होता है। वही मंगल यदि कुंडली में लग्न और चंद्रमा में 147 और दसवें घर में मेष राशिफल मकर राशि में स्थित हो तब रुचक राज योग का निर्माण होता है।
रुचक राजयोग का लाभ
इस राज्यों के व्यक्ति साहसी और पराक्रमी होते मासिक क्षमता में वृद्धि होती है। शारीरिक व से भरपूर होते हैं थे। उन निर्णय लेने की क्षमता रखती है। नेतृत्व क्षमता में कौशल होते हैं। साथ ही कारोबारी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। मंगल की दृष्टि होने पर प्रतिष्ठा मान सम्मान पद की प्राप्ति होती है।उच्च पद पर विराजमान होकर व्यवस्था को संभालते हैं। साथ ही शासन प्रशासन के काम में मुस्तैद रहते हैं। इस राजयोग का लाभ विशेष तौर पर मेष राशि के अलावा वृश्चिक और मकर राशि को मिलता है।
चक्र योग
जातकों की कुंडली में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चक्र और समुद्र योग का होना बेहद शुभ माना जाता है। वही जीवन में घटित होने वाली घटनाओं पर इनका बेहद महत्व देखने को मिलता है। दोनों का संबंध धन से है। यह योग व्यक्ति के जीवन में कई बड़े बदलाव करते हैं। चक्र और समुद्र योग से जातकों को बड़ा लाभ मिलता है।
चक्र योग का निर्माण
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली के सभी ग्रह यदि विषम स्थिति में हो तो चक्र राजयोग का निर्माण होता है। ऐसे में कुंडली के 13579 और एक ग्यारह विषय में स्थिति है। जब सभी ग्रह इस स्थान पर होते हैं तो चक्र योग का लाभ जातकों को महत्वपूर्ण लाभ देता है। वही कुंडली में यदि सभी ग्रह समय स्थिति में हो तो समुद्र योग का लाभ मिलता है। ऐसे में 2468 10 और 12 स्थान पर यदि सभी ग्रह की उपस्थिति हो तो समुद्र योग का लाभ जातकों को मिलता है।
चक्र और समुद्र योग के लाभ
चक्र और समुद्र योग को बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। साधन परिवार में जन्म लेने के बाद भी धन-धान्य से संपन्न होता है। चक्र वाले लोग अधिक मेहनती होते हैं और अपनी मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त करते हैं। चक्र योग से रोगों से मुक्ति मिलती है और जातक एक स्वस्थ जीवन जीता है।
समुद्र योग का लाभ
समुद्र योग में जन्म लेने वाले जातक राजाओं की तरह जीवन जीते हैं। इन्हें धन की कमी नहीं होती है। ऐसे लोग यात्रा करना पसंद करते हैं। राजनीति के क्षेत्र में इन्हें बड़े मुकाम हासिल होते हैं। साथ ही यह सरकारी कार्य में दक्ष होते हैं। जिस क्षेत्र में कार्य करते हैं। उसमें तरक्की हासिल करते हैं। निपुणता इन के प्रभुत्व में होती है और व्यक्ति को 20 वर्ष की आयु के बाद समाज में प्रतिष्ठा का लाभ मिलता है।