Astrology, Viprit Rajyog 2023, Amla Rajyog : ग्रहों की स्थिति लगातार बदलती जा रही है। कुंडली में ग्रहों के राशि परिवर्तन का असर जातकों के जीवन पर पड़ता है। वहीं कई ग्रहों के वजह से एक बार फिर से महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण हो रहा है।
वैदिक ज्योतिष में वर्तमान समय में विपरीत राजयोग का प्रभाव अच्छा देखा जा सकता है। यह राजयोग कुंडली के छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी द्वारा बनाया जाता है। कुंडली के छठे आठवें और बारहवें भाव के स्वामी, छठे आठवें और बारहवें भाव में ही मौजूद होते विपरीत राजयोग का निर्माण होता है।
विपरीत परिस्थिति में ही राजयोग का प्रभाव
विपरीत राजयोग विपरीत परिस्थिति में ही राजयोग का प्रभाव देता है। ऐसे में जातकों को जीवन में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। वही परिस्थिति का सामना करते हुए विपरीत परिस्थिति से गुजरते हुए उन्हें राजयोग की प्राप्ति होती है। उन्हें समृद्धि का लाभ मिलता है।
विपरीत राजयोग का असर
वहीं इस वर्ष 12 साल के बाद विपरीत राजयोग का निर्माण हुआ है। जिसका असर कई राशियों पर पड़ने वाला है। गुरु 1 साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं। वही गुरु के राशि परिवर्तन के साथ ही विपरीत राजयोग का निर्माण शुरू हुआ है। मेष राशि में गुरु के राशि परिवर्तन से विपरीत राजयोग का असर तुला मिथुन सहित मीन और कन्या राशि पर देखने को मिलेगा।
तुला
तुला राशि के जातकों को बेहद शुभ परिणाम नजर आएंगे। जीवन में सफलता के द्वार करेंगे। नौकरी पर सम्मान की इच्छा पूरी होगी। इसके साथ ही उन्हें इंक्रीमेंट का लाभ मिल सकता है।
मिथुन
गुरु का गोचर मिथुन राशि के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है। उनके कार्य क्षेत्र में उनकी प्रशंसा होगी। उच्च अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। सफलता सहित सहायता प्राप्त होगी। धन संपत्ति के मामले में वृद्धि देखने को मिलेगी।
मीन
मीन राशि के जातकों को राजयोग का महत्व परिणाम नजर आएगा। धन लाभ के योग बनेंगे। इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा। व्यापार में उन्नति होगी। आय में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। मान सम्मान की प्राप्ति होगी।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए यह बेहद शुभ साबित होने वाला है। अधूरे काम पूरे होंगे। धन, कीर्तिमान का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही सफलता के आसार नजर आ रहे हैं। करियर में सुख सहयोग मिलने वाला है। यात्रा के अवसर मिल रहे हैं। नौकरी में नए अवसर मिलेंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
अमला योग
वैदिक ज्योतिष में अमला योग को बेहद महत्वपूर्ण योग माने जाते हैं अमला योग के बनने से कुंडली में जातकों को सफलता प्राप्त होती है अमला योग कुंडली में तब निर्मित होते हैं जब चंद्रमा स्थित राशि के दशम भाव में कोई ग्रह के साथ मौजूद हो और उन पर किसी भी नकारात्मक ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ रही हो।
कुंडली में चंद्रमा से दशम भाव में देव गुरु बृहस्पति विराजमान है और उन पर शुभ ग्रह शुक्र की दृष्टि है। साथ ही किसी नकारात्मक ग्रह का प्रभाव नहीं है तो अमला योग का निर्माण होता है।
अमला योग के प्रभाव
- अमला योग के प्रभाव से जातकों को जीवन में सफलता समृद्धि हासिल होती है।
- इसके साथ ही वह प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में निखर कर सामने आते हैं। उन्हें कई नवीन पद की प्राप्ति होती है।
- इसके अलावा कार्यभार बढ़ने के साथ ही वह नेतृत्व क्षमता के धनी होते हैं।
- ऐसे जातकों को जीवन में उच्च पद की प्राप्ति होती है।
- योग्यता और कार्यकुशलता के बल पर अलग मुकाम हासिल करते हैं।
- जीवन में धन की कमी देखने को नहीं मिलती।
- यश सम्मान और कीर्ति का लाभ मिलते हैं।
- थोड़ी परिश्रम से ही अबला योग के जातक महत्वपूर्ण लाभ अर्जित करते हैं।