5 राशियों की किस्मत चमकाएंगे 3 शक्तिशाली राजयोग! बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा, पद-पैसा और प्रतिष्ठा के प्रबल योग

30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के मौके पर लक्ष्मी नारायण, गजकेसरी और मालव्य राजयोग समे कई योग का भी संयोग देखने को मिलेगा, जो 5 राशियों के लिए शुभ और फलदायी साबित हो सकता है ।इस दिन 24 साल बाद अक्षय योग भी बन रहा है जो पिछली बार 2001 में बना था।

Rajyog on Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया का धार्मिक, ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व माना जाता है। यह हर साल वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 बुधवार पड़ रही है।इस दिन कई दुर्लभ और अत्यंत शुभ राजयोगों का निर्माण भी हो रहा है, जिसमें गजकेसरी , लक्ष्मी नारायण व मालव्य राजयोग, रवि , चतुर्ग्रही, अक्षय और सर्वार्थ सिद्धि योग शामिल है।

ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में धन, वैभव, ऐश्वर्य के दाता शुक्र उच्च राशि मीन में विराजमान है जिससे मालव्य राजयोग बना हुआ है। 29 अप्रैल को मन के कारक चंद्रमा वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में वृषभ  में गुरू चन्द्र की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा। इसके अलावा रवि, चतुर्ग्रही, अक्षय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ लक्ष्मी नारायण राजयोग भी बन रहा है, ऐसे में करीब 100 सालों बाद बनने वाले इन दुर्लभ संयोगों से कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है।आइए जानते हैं ये लकी राशियांं कौन सी हैं…

अक्षय तृतीया से चमकेगी इन राशियों की किस्मत

वृषभ राशि : योग राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी सिद्ध हो सकता है।आय में वृद्धि होगी। आय के नए नए स्त्रोत बनेंगे। व्यापारियों के लिए समय अच्छा रह सकता है। उन्नति के साथ मुनाफे के प्रबल योग है। निवेश से लाभ मिल सकता है। आर्थिक योजनाएं सफल होंगी । प्रसिद्धि एवं सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में वेतन वृद्धि के साथ प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। निर्यात आयात  वालों को लाभ हो सकता है।परिवार के साथ मिलकर कहीं घूमने का प्लान भी बन सकता है।

तुला राशि : छह दुर्लभ संयोग का बनना तुला राशि के लोगों को लकी साबित हो सकता है।आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। कोई प्रापर्टी और वाहन खरीद सकते हैं। आर्थिक योजनाएं सफल होंगी । इच्छाओं की पूर्ति होगी। बेरोजगारों को नौकरी के नए अवसर मिल सकते है।कहीं से रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। करियर में बेहतर अवसर मिलने की संभावना है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। मां लक्ष्मी का भरपूर आर्शीवाद मिलेगा।

कुंभ राशि: मालव्य व गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में अवसर और करियर में तरक्की मिल सकती है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आय के नए स्त्रोत खुलेंगे। अटका और रूका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। संतान की ओर से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आपके कार्यों की सिद्धि हो सकती है।अटका हुआ धन वापस पा सकते हैं।जीवन की कई बाधाएं दूर होंगी। नव विवाहितों के जीवन में नए मेहमान की दस्तक हो सकती है।

धनु राशि: कई योग व राजयोग का बनना जातकों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। आकस्मिक धनलाभ के योग हैं।भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। पारिवारिक विवाद सुलझ सकते हैं। माता के साथ संबंध मजबूत होंगे। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे  समय अनुकूल है। प्रॉपर्टी खरीद सकते है।लंबे समय से रुके काम पूरे हो सकते हैं। मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी।

सिंह राशि:  मालव्य व गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है।कारोबार में फंसा हुआ पैसा वापस मिल सकता है। कोई बड़ा ऑर्डर या फिर प्रोजेक्ट मिल सकता है। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। नौकरीपेशा को नौकरी में नई अवसर मिल सकते है। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेगा। घर, वाहन आदि खरीदने का सपना पूरा हो सकता है। आय में जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है। पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि भी संभव है। निवेश से लाभ हो सकता है।

कुंडली में कब बनता है मालव्य/गजकेसरी

  • मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह।  अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है । अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और 10वें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो यह योग बनता है।
  • लक्ष्मी नारायण राजयोग का विशेष महत्व बताया गया है, इसे बेहद ही शुभ माना गया है। जब किसी भी राशि में बुध और शुक्र ग्रह दोनों एक साथ होते हैं, तो लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है।कहते है जिसकी कुंडली में यह योग बनता है उस पर लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है, वहां धन धान्य की वर्षा होती है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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Pooja Khodani

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