Astrology: ग्रहों और नक्षत्रों का मनुष्य के आदतों से गहरा संबंध होता है। कई लोगों के मुंह से बात-बात पर गाली निकलती है। कोशिश करने पर पर भी वाणी पर कंट्रोल नहीं रहता है। कुंडली में ग्रहों की कमजोर स्थिति भी आपके बोलचाल पर असर डालती है। बुध को वाणी का कारक माना जाता है। कुंडली में बुध की खराब दशा के कारण व्यक्ति अशब्द बोलता है। अशब्द बोलने से आसपास का माहौल खराब होता है, रिश्ते भी खराब होते हैं।
मंगल और राहु भी हैं जिम्मेदार
कुंडली में मंगल और राहु की युति बनने से व्यक्ति चिड़चिड़ा होता है। गुस्से पर काबू नहीं कर पाता और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है। इतना ही राहु और मंगल की युति ग्रहों वाणी को कठोर भी बना देती है।
बुध का प्रभाव
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों के राजकुमार का दर्जा दिया गया है। बुध को बुद्धि, चतुराई, मित्रता, वाणी इत्यादि का कारक माना जाता है। इस ग्रह के कमजोर होने से करियर और कारोबार में बाधाएं आती है। वाणी दोष उत्पन्न होता है। हकलाने और तोतलाने की समस्या होती है। इसके अलावा आत्मविश्वास में भी कमी आती है। बालों और त्वचा से संबंधित रोग होता है।
वाणी दोष दूर करने के लिए आजमाएं ये उपाय
- रोजाना स्नान करके खाली पेट मिश्री और सौंफ को कुछ देर मुंह में रखें। ऐसा करने से वाणी में सुधार आएगा।
- बुधवार के दिन गाय को चारा खिलाएं।
- हरे रंग के वस्त्रों, मूंग की हरी दाल और हरे रंग के अन्य वस्तुओं का दान करें।
- बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करें। सिंदूर और दूर्वा घास अर्पित करें।
- बुध को मजबूत करने के लिए कनिष्ठ उंगली पन्ना रत्न धारण करें। राहु को मजबूत करने के लिए हीरे को धारण करें।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य सामान्य जानकारी साझा करना है, जो ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)