Astrology: कुंडली में ग्रहों की स्थिति जातक के जीवन को प्रभावित करती है। इन्हें सफलता, प्रगति, दुःख और खुशहाली का कारण भी माना जाता है। कुंडली के मुख्य ग्रह की पूजा करने से सफलता के राह में आ रही बाधाओं को दूर किया जा रहा है। मुख्य ग्रह का पता लगाने के लिए जन्मकुंडली में लग्न राशि देखनी चाहिए। कुंडली का पहला भाव “लग्न” होता है।
क्या है लग्न राशि और कुंडली का मुख्य ग्रह?
पहले भाव भाव में 1 से 12 की संख्या होती है, जो 12 राशियों को दर्शाती हैं। 1 मतलब मेष, 2 का मतलब वृषभ, 3 का मतलब मिथुन, 4 का मतलब कर्क और 5 मतलब सिंह लग्न होता है। वहीं 6 कन्या, 7 तुला, 8 वृश्चिक, 9 धनु, 10 मकर, 11 कुंभ और 12 मीन लग्न राशि के लिए है। आइए जानें आपको लग्न राशि के अनुसार किस-ग्रह की पूजा करनी चाहिए।
लग्न राशि अनुसार ग्रह
सूर्य– मेष लग्न का मुख्य ग्रह सूर्य है। सूर्य की पूजा करना जातकों के लिए लाभदायक माना जाता है। पद- प्रतिष्ठा और सम्मान कीमें वृद्धि होती है।
गुरु- सिंह और वृश्चिक लग्न का मुख्य ग्रह बृहस्पति है। जातकों के लिए गुरु की पूजा करना शुभ माना जाता है। जीवन में प्रगति मिलती है। भाग्य का भी साथ मिलता है।
बुध- मिथुन लग्न का मुख्य ग्रह बुध है। बुध की पूजा करना जातकों के लिए फलदायी माना जाता है। करियर और कारोबार में लाभ होता है। सफलता के योग बनते हैं।
चंद्रमा– मीन लगम का मुख्य ग्रह चंद्रमा है। चंद्रमा मन की शांति प्रदान करता है। जातकों द्वारा चंद्र देव की पूजा बेहद ही शुभ मानी जाती है।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)