Bhadra/Budhaditya Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, ऐसे में एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से योग राजयोग और दुर्लभ संयोग बनते है। इसी क्रम में जून में ग्रहों के राजा सूर्य और ग्रहों के राजकुमार बुध मिलकर भद्र और बुधादित्य राजयोग का निर्माण करने जा रहे है।
वर्तमान में बुध मीन राशि में विराजमान है और 6 जून में अपनी स्वराशि मिथुन में गोचर करेंगे, जिससे भद्र राजयोग का निर्माण होगा, जिसका प्रभाव 22 जून तक रहेगा ।इसके बाद बुध कर्क राशि में चले जाएंगे। 15 जून को आत्मा पिता के कारक माने जाने वाले सूर्य भी मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में मिथुन राशि में सूर्य बुध की युति से बुधादित्य राजयोग बनेगा।

बुध के चाल बदलते ही बनेगा भद्र व बुधादित्य राजयोग, 3 राशियों के लिए शुभ
मिथुन राशि: भ्रद व बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। लंबे समय से सोची हुई योजनाओं को नई दिशा मिल सकती है। पार्टनरशिप के काम में तरक्की मिल सकती है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।शादीशुदा का जीवन शानदार रहेगा। अटके रूके कामों को गति मिल सकती है। प्रेम संबंधों में मधुरता बनी रहेगी। आपकी इच्छाओंं की पूर्ति होगी।
वृषभ राशि : डबल राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है।भाग्य का साथ मिलेगा। धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। काम- कारोबार वाणी, मीडिया, मार्केटिंग और बैंकिंग से जुड़े है तो विशेष लाभ मिलेग। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
कन्या राशि : डबल राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। नौकरपेशा को इंक्रीमेंट और प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा ।बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिल सकते है।मीडिया, कला, संगीत, शिक्षक या बैंकिंग से जुड़े लोगों को काम में बड़ा लाभ मिल सकता है।कारोबार में आपको नए मौके मिलेंगे। आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। छात्रों के लिए यह समय अनुकूल है। प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे परिणाम आएंगे।
कुंडली में कब बनता है बुधादित्य/भद्र राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार , भद्र महापुरुष राजयोग बुध ग्रह से संबंधित है। यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित हैं अर्थात बुध यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित हैं तो आपकी कुंडली में भद्र राजयोग बनता है।इस योग को पंच महापुरुष राजयोग में से एक माना गया है। इससे व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और धन दोनों की कमी नहीं रहती है।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)