ज्योतिष में सभी ग्रहों में बुध को ग्रहों का राजकुमार, शुक्र को दैत्यों का गुरू और सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। बुध को संचार, बुद्धि, तर्कशास्त्र, व्यापार का कारक ,सूर्य को आत्मा व पिता का कारक और शुक्र को धन, वैभव, ऐश्वर्य का कारक माना जाता है। बुध मिथुन व कन्या राशि के स्वामी , सिंह सूर्य के स्वामी राशि और शुक्र वृषभ व तुला के स्वामी राशि होते है। जब भी शुक्र बुध व सूर्य चाल बदलते है तो योग राजयोग का निर्माण होता है।वर्तमान में सूर्य कर्क राशि में विराजमान है और 16 अगस्त को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और 17 सितंबर तक यहीं रहेंगे। बुध 30 अगस्त को कर्क से सिंह राशि में गोचर करेंगे, ऐसे में कन्या राशि में बुध सूर्य की युति से बुधादित्य राजयोग बनेगा।वही 2 नवंबर को शुक्र तुला में प्रवेश कर मालव्य राजयोग बनाएंगे।
मालव्य और बुधादित्य राजयोग से चमकेगा इन राशियों का भाग्य
सिंह राशि: बुध सूर्य देव का संयोग और राजयोग जातकों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। करियर में नए अवसर मिल सकते है। आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है। शादीशुदा के लिए समय शानदार रहेगा अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। समाज में मान- सम्मान के साथ प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है।
तुला राशि : सूर्य बुध का संयोग और बुधादित्य राजयोग अनुकूल सिद्ध हो सकता है। काम-कारोबार में तरक्की मिल सकती है। आय व आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है। आय के नए नए स्त्रोत बन सकते हैं। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी से जातकों को लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परिवार और भाग्य का साथ मिलेगा।मालव्य राजयोग से आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। मान- सम्मान की प्राप्ति होगी। वैवाहिक जीवन में खुशियां आएंगी. कानूनी मामलों में फैसला आपके पक्ष में आएगा।अविवाहितों के लिए विवाह का प्रस्ताव आ सकता है। पार्टनरशिप के काम में लाभ मिल सकता है।
धनु राशि : बुध सूर्य की युति और बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। मान – सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल रहेगा। नौकरीपेशा को वेतनवृद्धि के साथ प्रमोशन का तोहफा मिल सकता है।कारोबार के चलते छोटी व लंबी यात्रा कर सकते हैं। लंबे समय से अटके और रूके हुए कामों को गति मिल सकती है। उच्च शिक्षा के लिए समय अनुकूल रहेगा।
मकर राशि: मालव्य राजयोग जातकों के लिए शुभ फलदायी सिद्ध हो सकता है। कारोबार का विस्तार हो सकता है। आय में वृद्धि हो सकती है, नए नए स्त्रोत खुल सकते है। हर क्षेत्र में सहयोग मिलेगा। नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होगी ।लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैष मीडिया, फैशन डिजाइनिंग, फिल्म लाइन और मॉडलिंग से जुड़े लोगों को अच्छा लाभ मिल सकता है।
कब बनता है बुधादित्य राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। अगर शुक्र ग्रह पर सूर्य या गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो इस राजयोग का फल व्यक्ति को कम प्रदान होगा। क्योंकि सूर्य और गुरु का शुक्र के साथ शत्रुता का भाव है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





