Budhaditya Rajyog 2025 :ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, ऐसे में एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से योग राजयोग और दुर्लभ संयोग बनते है।इसी क्रम में मई में ग्रहों के राजा सूर्य और ग्रहों के राजकुमार बुध मिलकर शुक्र की राशि वृषभ में बुधादित्य राजयोग का निर्माण करेंगे।
ज्योतिष के अनुसार ,वर्तमान में आत्मा पिता के कारक सूर्य मेष राशि में विराजमान है और 15 मई को वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे।बुद्धि, मित्रता, तर्क, ज्ञान के कारक बुध भी 23 मई को वृषभ में गोचर करेंगे , ऐसे में शुक्र की राशि वृषभ में दोनों ग्रहों की युति से बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा, जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होने वाला है। आईए जानते है कौन सी है वो लकी राशियां…..

बुधादित्य राजयोग से खुलेगी 3 राशियों की सोई हुई किस्मत
कुंभ राशि: बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए सकारात्मक सिद्ध हो सकता है। समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। अटके रूके कामों को गति मिलेगी। भौतिक सुख- सुविधाओं में वृद्धि होगी। वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। समाज व कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान बढ़ेगा। नौकरीपेशा को पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। परिवार में खुशियां आएंगी।
वृषभ राशि: बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है।अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। मान- सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शादीशुदा का वैवाहिक जीवन खुशनुमा रहेगा। पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों को विशेष फल की प्राप्ति होगी। आय में वृद्धि होगी और नए नए स्रोत बनेंगे।अविवाहित लोगों के लिए विवाह का प्रस्ताव आ सकता है।
सिंह राशि : जातकों के लिए बुधादित्य राजयोग काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।आय में वृद्धि के प्रबल योग है। नए नए स्त्रोत मिल सकते है। काम- कारोबार में तरक्की मिल सकती है। पिता के साथ संबंध मजबूत होंगे।नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इस समय में कोई शुभ समाचार मिल सकता है। व्यापारियों को धनलाभ हो सकता है।नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ सैलरी में हाईक मिल सकती है।
जानिए बुधादित्य राजयोग के बारें में
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।
बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)